03 November 2021 05:29 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। दीपावली की खुशियों में डूबे जिले में सैकड़ों कर्मचारी परिवार सिस्टम की नाकामी की वजह से मायूसी से घिर गए हैं। आज रूप चतुर्दशी है, कर दीपावली है, मगर अब तक इन परिवारों को यह भी नहीं पता है कि वह दीपावली कैसे मनाएंगे।
दरअसल, सरकार ने बीकानेर जिले में करीब नौ सौ कोविड सहायक यानी सीएचए लगाने के आदेश दिए थे। स्वास्थ्य विभाग ने साढ़े आठ सौ युवाओं को कोविड सहायक के पद पर भर्ती किया। पांच माह से काम भी लिया जा रहा है। मगर जून से अक्टूबर तक की तनख्वाह नहीं दी। सीएचए ने संघर्ष किया तो बमुश्किल सैलरी देने की प्रक्रिया शुरू की गई। मगर अब तक सैलरी नहीं मिली। अब से ठीक 24 घंटे बाद दीपावली के त्योहार की खुशियां मनानी शुरू हो जाएगी। हर घर दीपों से रोशन होगा। मगर साढ़े आठ में से 435 घर अभी भी अधरझूल में हैं।
जानकारी के अनुसार इनकी सैलरी राज्य वित्त आयोग के अनुदान से देने के आदेश थे। अभाव की स्थिति में एन एच एम अथवा डीएमएफटी फंड से सैलरी देनी थी। मगर बात नहीं बनी। सीएमएचओ ने सभी सीएमओ को आदेश भी दिए, मगर ढ़िलाई के हदें पार की गई। सीएमएचओ डॉ ओपी चाहर ने सभी सीएमओ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। बताया जा रहा है कि हाल ही में सरकार ने निकायों को भुगतान हेतु कहा। तब जिला कलेक्टर ने अंतिम रूप से ग्रामीण इलाकों के सीएचए को सैलरी दिलवाने की जिम्मेदारी जिला परिषद सीईओ को दी। बीकानेर शहरी क्षेत्र के 280 सीएचए की जिम्मेदारी नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना को दी गई। वहीं अन्य की नगर पालिकाओं को। लेकिन अब भी बीकानेर नगर निगम क्षेत्र के 280 तथा श्रीडूंगरगढ़, देशनोक व नोखा पालिका के 135 सीएचए सैलरी को तरस रहे हैं। निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना ने कहा कि निदेशालय में फाइल भिजवा दी गई है। आदेश का इंतजार है। आदेश आते ही 280 कर्मचारियों की सैलरी जमा करवा दी जाएगी। हालांकि दीपावली से पहले यह काम होगा या नहीं, इस पर कोई जवाब नहीं मिला। वहीं श्रीडूंगरगढ़, नोखा व देशनोक पालिका ने फंड ना होने की बात कही बताते हैं। ऐसे में यहां के 135 कर्मचारियों की सैलरी आती नहीं दिख रही।
उल्लेखनीय है कि जहां आम आदमी से लेकर सरकार के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के घरों में दीपावली का उत्सव मनेगा, वहीं इन कर्मचारियों के घरों में पैसे का अभाव खलेगा। कोरोना की वजह से दो साल बाद दीपावली मनाने का मौका मिल रहा है। लेकिन पांच माह से सैलरी का इंतजार कर रहे इन कोविड सहायकों की दीपावली सिस्टम की असंवेदनशीलता की शिकार होने को है। बता दें कि 7900 रूपए के इन अल्पवेतनभोगियों के पास किसी तरह की जमा-पूंजी भी नहीं होती। ऐसे में सैलरी ना मिलने की स्थिति में ये बड़े संकट में आ जाते हैं।
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