20 July 2021 04:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में गोचर भूमि ही नहीं बल्कि तालाबों की जमीनें भी खतरे में है। 30 हजार बीघा में फैली गोचर भूमि के संरक्षण का जिम्मा तो पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी ने उठा लिया है। भाटी के नेतृत्व में पूरी गोचर भूमि पर दीवार बनाई जा रही है ताकि कोई अतिक्रमण कर गायों के विचरण हेतु निर्धारित जमीन पर कब्जा ना कर सके। आज भी प्रशासन के अधिकारी दीवार निर्माण का कार्य रुकवाने पहुंचे तो भाटी ने दीवार निर्माण को किसी भी हालत में रुकने ना देने का दावा कर डाला। भाटी ने कहा कि प्रशासन चाहे कंपनी बुलाले या गोलियां चला ले, दीवार निर्माण का कार्य नहीं रुकेगा। वहीं दूसरी ओर तालाबों की जमीनों पर हुए गड़बड़झालों पर कोई सवाल उठाने वाला भी नहीं है। जानकारी के अनुसार बीकानेर, गजनेर व कोलायत में करीब 40 तालाबों की जमीनें खतरे में है। इनमें से बहुत सारी जमीनों के तो रिकॉर्ड ही बदले जा चुके हैं। ऐसी जमीनें बीकानेर के कई इलाकों में मौजूद हैं। गंगाशहर रोड़ की घाटी पर भी ऐसी जमीन होने का दावा किया जा रहा है। इस जमीन पर बड़े गड़बड़झाले की आशंका जताई जा रही है। इसी तरह गोपेश्वर बस्ती में भी ऐसी जमीन होने की बात सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि संरक्षण के अभाव में तालाबों की जमीनों पर कब्जे हो जाते हैं। कागज तक बन जाते हैं, हालांकि इस पूरे गड़बड़झाले में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत भी होती है। अगर जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच करवाए तो ऐसी ज़मीनों से जुड़े बड़े गड़बड़झाले सामने आ सकते हैं।
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