23 February 2022 07:33 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (रोशन बाफना की रिपोर्ट) बजट-2022 ने भले ही प्रदेश को बड़े सपने दिए हों मगर सूबे के दूसरे सबसे बड़े मंत्री का शहर दौड़ में पिछड़ गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा व उदयपुर को विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा कर दी। अब इन जिलों के पास विकास के लिए बड़ा बजट और बड़े अधिकार होंगे। मगर विकास में पिछड़े बीकानेर नगरीय क्षेत्र में यूआईटी ही कार्य करेगी। अगर बीकानेर विकास प्राधिकरण बनाया जाता तो बीकानेर को भी विकास के पंख लगते। मगर हम विकास तो दूर विकास के सपने भी ना देख पाए। बता दें कि जयपुर, जोधपुर व अजमेर में पहले से ही विकास प्राधिकरण है। अब कोटा और उदयपुर में भी विकास प्राधिकरण होगा। सात संभागों वाले प्रदेश में अब केवल बीकानेर संभाग मुख्यालय व भरतपुर संभाग मुख्यालय ही पीछे रहे हैं।
ज्ञात रहे कि बीकानेर की टूटी-फूटी खतरनाक सड़कें, सीवर लाइन की बदहाल स्थिति, चैंबर के खुले ढ़क्कन, अंधेरे रास्ते, सड़ांध मारते कचरे के ढ़ेर, डटी हुई नालियां, बरसात के दिनों में बहती खतरनाक नदियां व अनियंत्रित ट्रैफिक व्यवस्था हर रोज जागरुक शहरवासियों के दिल को चोट पहुंचाती है। रेलवे फाटक का जाम मन कचोटता है। बीकानेर संभाग मुख्यालय को विकास प्राधिकरण कर बेहद जरूरत है। मगर सीधे-सादे नागरिकों के इस नगर को ना विकास मिला ना विकास प्राधिकरण मिला। राजनीतिक व आर्थिक रूप से सक्षम बीकानेर नगर की यह दुर्दशा सवाल खड़े करती है। बता दें कि बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा बीकानेर का नाम लिए जाने की बातें भी चल रही हैं, मगर बजट भाषण के अधिकृत प्रेस नोट में कहीं ऐसा उल्लेख नहीं मिला है।
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