31 August 2020 12:04 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। भ्रूण हत्या व गर्भपात जैसे गंभीर अपराधों की सूचना उपलब्ध करवाने में पुलिस कतराने लगी है। वजह साफ है कि ऐसे अपराधों के दर्ज मामलों में मुल्जिम नामजद ही नहीं हो पाते। अगर मुल्जिम का पता हो तो भी चालान नहीं होता बल्कि एफ आर लगा दी जाती है। जबकि साफ है अधिकतर मामलों में अपराध तो बनता है। मामला श्रीगंगानगर पुलिस के लोक सूचना अधिकारी से जुड़ा है। बीकानेर के एडवोकेट अनिल सोनी ने संभाग आईजी के लोक सूचना अधिकारी को चारों जिलों में हुए भ्रूण हत्या, गर्भपात आदि मामलों की संपूर्ण जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना उपलब्ध करवाने के लिए आईजी ऑफिस के लोक सूचना अधिकारी ने चारों जिलों के लोक सूचना अधिकारियों को निर्देश दे दिए। आवेदन को 6 माह होने को है मगर बीकानेर पुलिस को छोड़कर किसी ने भी अभी तक सूचना उपलब्ध नहीं करवाई है। चुरू व हनुमानगढ़ पुलिस से तो अभी तक जवाब ही प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं श्रीगंगानगर पुलिस के लोक सूचना अधिकारी ने इस गंभीर मामले की सूचना को उपलब्ध करवाने की अपेक्षा ही नहीं मानी है। जवाब में लिखा गया है कि यह सूचना संकलित नहीं है तथा भारत सरकार कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन संख्या 11/2/2008 आई आर एवं दिनांक 10.7.2008 के बिंदु संख्या 02 के तहत खोजकर उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती, जो लोकप्राधिकारी के संसाधनों एवं कार्य लोकप्राधिकारी के स्त्रोतों को विचलित करने वाली है। जो उपलब्ध करवाने के लिए विधि अपेक्षा नहीं करती, जो कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(9) में स्पष्ट है। जबकि इसी आवेदन पर बीकानेर पुलिस ने सूचना उपलब्ध करवाई है। एक ही आवेदन पर पुलिस के दो मत संशय पैदा कर रहे हैं।
अब सवाल यह है उठता है इस अति संवेदनशील मामले से जुड़ी सूचना उपलब्ध करवाने की बजाय आवेदक को नियमों का हवाला देकर उलझाना कहां तक ठीक है? लोक सूचना अधिकारी ने यह सूचना उपलब्ध करवाने की अपेक्षा नहीं मानी है तो वहीं संसाधनों आदि को विचलित करने वाला बताया है। अनिल सोनी का कहना है कि सच से पर्दा ना उठ जाए इसी डर से लोक सूचना अधिकारी सूचना उपलब्ध करवाने से कतरा रहे हैं। तो वहीं संभाग मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी के निर्देश के बाद भी जिला पुलिस के लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना ना देना सवाल खड़े करता है। एडवोकेट के अनुसार संभाग स्तर पर मांगी गई सूचना में जिला पुलिस का लोक सूचना अधिकारी संभाग के अधिकारी के अधिनस्थ आता है यानी वह उसका सहायक लोक सूचना अधिकारी हो जाता है। हालांकि अब प्रथम अपील करने का रास्ता खुला है। संभाग स्तर पर मांगी गई सूचना के इस मामले में अपीलीय अधिकारी आईजी होंगे। बता दें कि सीधे एसपी ऑफिस को आवेदन किया जाता तो प्रथम अपीलीय अधिकारी जिला एसपी होते।
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