23 June 2021 11:00 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नोखा के स्वर्णकार द्वारा लूट की झूठी कहानी रचने एवं झूठा मुकदमा करवाकर तीन दिनों तक पुलिस का श्रम व समय बर्बाद करने का मामला सामने आया है। जोरावरपुरा निवासी 49 वर्षीय मोहनलाल पुत्र गुलाबचंद सोनी ने 20 जून की दोपहर करीब 2 बजे लूट की मनगढ़ंत कहानी रची। कहा, कि दो अज्ञात युवकों ने उसकी आंखों में मिर्ची डालकर उसे स्कूटी सहित पटक दिया। उसके पास मौजूद 140 ग्राम स्वर्ण आभूषण लूटकर ले गए।
सूचना पर नोखा थानाधिकारी ईश्वर प्रसाद जांगिड़ मय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने जांच शुरू की तथा मुकदमा दर्ज किया।
ईश्वर प्रसाद ने बताया कि घटनास्थल की मुआयना करने पर प्रथम दृष्टया मामला झूठा ही प्रतीत हुआ। ऐसे में जांच दोनों एंगल से शुरू की गई। मोहनलाल द्वारा बताई कहानी में हर स्टेप पर झूठी साबित हुई।
परिवादी ने बताया था कि मिर्ची उसकी आंखों में डाली गई तथा उसे स्कूटी सहित गिरा दिया गया। लेकिन स्कूटी पर किसी तरह का कोई स्क्रेच नहीं मिला। परिवादी का मेडिकल करवाया तो ना ही कोई चोट मिली और ना ही आंखों में मिर्ची मिली। हालांकि उसके मास्क पर कुछ मिर्ची मिली। वहीं घटनास्थल के पास स्थित नाली व उसके पास एक अखबार के टुकड़े पर थोड़ी मिर्ची मिली। नाली में पड़ी मिर्ची जानबूझकर गिराई हुई प्रतीत हो रही थी। पुलिस टीम ने जब घर की तलाशी ली तो वहां भी घटनास्थल पर मिली मिर्ची जैसी ही हल्के रंग वाली मिर्ची मिली।
दूसरी तरफ घटना स्थल के निवासियों ने ऐसी किसी घटना होने से साफ इंकार किया। परिवादी ने बताया था कि वह घर से आया था। लेकिन घर से घटनास्थल तक उस समय के सीसीटीवी फुटेज में वह नहीं मिला, बल्कि कटला चौक, जैन चौक आदि स्थानों पर जाने की पुष्टि हुई। वहीं परिवादी द्वारा बताए हुलिये का कोई भी मोटरसाइकिल सवार युवक सीसीटीवी में नहीं मिला। जबकि परिवादी ने दो युवकों का हुलिया बताया था। इस पर पुलिस ने जैन चौक व कटला चौक स्थित सुनार की दुकानों पर पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि परिवादी घड़ाई का काम करता है। वह घटना समय से ठीक पहले किसी दुकान पर काम मांगने भी गया था। पुलिस का शक जब पुख्ता होने लगा तो परिवादी से मनोवैज्ञानिक तरीके पूछताछ की गई। पुलिस पूछताछ में मोहनलाल ने सच उगल दिया। उसने बताया कि वह स्वर्ण व्यापारियों का काम करता है। कुछ समय से उसके करीब 10 तोले का फर्क चल रहा था। जिसकी पूर्ति वह नहीं कर पा रहा था। लॉक डाउन में काम नहीं मिला। एक व्यापारी ने काम दे रखा था, उसने जल्द ही माल बनाकर देने को कहा। पहले तो एक का माल दूसरे में, दूसरे का अन्य में लगाकर पूर्ति अन्य देते थे। मगर काम घटने से यह भी असंभव हो गया। इसी वजह से लूट की मनगढ़ंत कहानी रची। ताकि वह बच सके।
थानाधिकारी ईश्वर प्रसाद जांगिड़ ने बताया कि आईजी प्रफुल्ल कुमार, एसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया के निर्देशन में व एएसपी ग्रामीण सुनील कुमार व सीओ नेमसिंह चौहान के डायरेक्ट सुपरविजन में तफ्तीश करते हुए लूट की घटना के चौंकाने वाले सच का खुलासा किया गया है। अब आरोपी के खिलाफ धारा 211 व 182 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि झूठा मुकदमा दर्ज करवाना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर कम से कम दो वर्ष अथवा झूठे मुकदमें की धाराओं में मिलने वाली सजा के बराबर की सजा का प्रावधान है।
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