10 February 2021 07:27 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। तो क्या जिले में कानून की आंखों में धूल झोंककर लाखों आम नागरिकों को भट्टी में झोंका जा रहा है। अगर राजस्थान पैरा मेडिकल एसोसिएशन बीकानेर के दावे को सच मानें तो ये सच है और ये सच बेहद डरावना भी है। बताया जा रहा है कि जिले की सरकारी अस्पतालों-लैबों व प्राइवेट लैबों में सैकड़ों झोलाछाप लैब टेक्नीशियन व अन्य पैरा मेडिकोज सेवाएं दे रहे हैं। इन्होंने पैसे के बल पर रातों-रात फर्जी डिप्लोमा हासिल किया और नौकरी लग गए। ये झोलाछाप मेडिकोज प्राइवेट लैबों सहित पीबीएम व राजकीय चिकित्सालयों में निविदा, संविदा व प्लेसमेंट एजेंसियों के मार्फत नौकरी लग गए। वहीं दूसरी ओर ट्रैनिंग कर परीक्षाएं देकर डिप्लोमा पाने वाले वास्तविक मेडिकोज बेरोजगार घूम रहे हैं। एसोसिएशन ने आज इस संबंध में संभागीय आयुक्त बीकानेर, जिला कलेक्टर, पीबीएम अधीक्षक, सीएमएचओ व ज्वाइंट डायरेक्टर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान पैरा मेडिकल कौंसिल के आदेशानुसार निजी व राजकीय संस्थानों में कार्यरत मेडिकोज को अपना पंजीकरण कौंसिल में करवाना अनिवार्य है, लेकिन बीकानेर में ऐसे करीब चार सौ पांच सौ पैरा मेडिकोज हैं जिनका पंजीकरण नहीं हो रखा है।
बताया जा रहा है कि इन मेडिकोज का पंजीकरण हो भी तभी सकता है जब वह किसी मान्यता प्राप्त संस्थान डिप्लोमा कोर्स करे।
उल्लेखनीय है कि अगर एसोसिएशन का यह दावा सच है तो यह बेहद ख़तरनाक स्थिति है। सूत्रों के अनुसार इस फर्जीवाड़े को बढ़ावा देने में प्लेसमेंट एजेंसियों का भी हाथ है। ये प्लेसमेंट एजेंसियां पैसे का लेन देन कर नौकरियां देती है, ऐसे में फर्जी डिप्लोमा आसानी से चल जाता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस फर्जीवाड़े पर एक्शन लेता है या चुप्पी साधकर फर्जीवाड़ा करने वालों के हौसले बढ़ाता है।
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