27 December 2021 10:05 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नयाशहर थाना क्षेत्र निवासी युवक को धोखा देकर विवाह के तीसरे दिन ही फरार हो जाने वाली फ्रॉड दुल्हन व दलाल को बीकानेर पुलिस ने बीछवाल जेल भिजवा दिया है। आरोपी दुल्हन की पहचान रिको, पठानवाला श्रीगंगानगर निवासी 38 वर्षीय शीला उर्फ मोनिका भाट पुत्री पप्पूराम भाट व दलाल की पहचान वार्ड नंबर 25 पुरानी आबादी, श्रीगंगानगर निवासी 25 वर्षीय राकेश उर्फ करण ठाकुर मेघवाल पुत्र मोहनलाल के रूप में हुई है। नयाशहर थाने के एएसआई व मामले के जांच अधिकारी अशोक अदलान ने बताया कि एक दिन पूर्व ही दोनों को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आज न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
ये था मामला: एफ-2 मुरलीधर कॉलोनी निवासी रामकुमार राजपुरोहित पुत्र हीरालाल के विवाह के लिए लड़की की तलाश की जा रही थी। स्थानीय पंडित ने राम को राकेश नाम के एक दलाल का नंबर दिया। दलाल से संपर्क होने के बाद उसने राम को 8-10 लड़कियों के फोटो भेजे। करीब एक माह चली बात के बाद दलाल राकेश उर्फ करण द्वारा बताई आशा नाम की लड़की राम को पसंद आईं। दलाल ने शादी करवाने के बदले डेढ़ लाख रूपए मांगे, अंतिम रूप से 1 लाख 45 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। राम व उसकी माता सहित 5-6 लोग श्रीगंगानगर गए, जहां 5 जुलाई 2021 को विवाह कर दुल्हन को बीकानेर ले आए। एएसआई अशोक अदलान के अनुसार दुल्हन को दूल्हे की मौसी के यहां रुकवाया गया, जहां से 13 जुलाई को फंक्शन के बाद गृह प्रवेश करवाने का कार्यक्रम तय था। दूल्हे के परिवार ने आयोजन की सारी तैयारियां कर ली थी। मेहमानों व परिवार को निमंत्रण भी दे दिया था। इसी बीच 8 जुलाई को दुल्हन ने अस्पताल जाने का बहाना बनाया। लड़के की मौसी भी साथ गई, मगर शातिर दुल्हन मौसी को चकमा देकर रफूचक्कर हो गई। पीड़ित दूल्हे ने नयाशहर थाने में राकेश व आशा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। मामले की जांच एएसआई अशोक अदलान को दी गई।
पांच माह तक छिपते फिरे आरोपी मगर बच नहीं पाए पुलिस से : पुलिस पांच माह तक आरोपियों के पीछे भागती रही। आरोपियों की लोकेशन आती तो पीछे भागते। पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी सिम बदल लेते। ऐसे में आरोपियों की धरपकड़ से पहले ही लोकेशन ऑफ हो जाती। हाल ही में पुलिस ने आरोपी राकेश उर्फ करण ठाकुर को श्रीगंगानगर के बाजार से धर दबोचा। उसके बाद शीला उर्फ मोनिका को रिको पठानवाला से दबोचा। शीला वहां एक फैक्ट्री में काम करने वाली महिला के पास किराए पर रह रही थी।
जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे: एएसआई अशोक अदलान ने बताया कि आरोपी रमेश कोई काम धंधा नहीं करता। वह फर्जी तरीके से शादी करवाने का ही काम करता है। उसने ही शीला भाट को शीला शर्मा पुत्री साधुराम भाट बनाकर राम से उसकी शादी करवाई। इस शादी में आरोपी दलाल राकेश शीला भाट की मिलीभगत थी। इसके लिए उन्होंने गलत डेट ऑफ बर्थ, जाति व पिता का नाम डालकर फर्जी आईडी कार्ड बनवाए। रमेश ने राम से ली गई दलाली के पैसों में से 42 हजार रूपए शीला को दिए थे, शेष 1 लाख तीन हजार रूपए स्वयं रखे।
आरोपी रमेश ने पुलिस को बताया है कि उसने इसके अतिरिक्त संगरिया, सीकर व बीकानेर में मिलाकर 4-5 विवाह और भी करवाए। संगरिया में लड़की भाग गई। मामले में संगरिया थाने में मुकदमा दर्ज है। बीकानेर में करवाई गई शादी ठीक चल रही है। सीकर की शादी भी ठीक नहीं चली बताते हैं। वहीं शीला ने इससे पहले दो विवाह किए हैं। पहला विवाह रतिवाला, निठाला बास, सिरसा निवासी हिम्मताराम भाट से की थी। यह विवाह आशा के परिजनों ने ही करवाया। हिम्मताराम से आशा को दो संतानें हैं, जिनमें एक 10 वर्षीय बेटा व दूसरी 7 वर्षीय बेटी है। अशोक अदलान ने बताया कि आशा हिम्मताराम के पास कभी कभी जाती है। उससे तलाक नहीं लिया हुआ है। हिम्मताराम के अलावा वह 7 जी चूनावढ़, श्रीगंगानगर निवासी लवप्रीत मजबीसिख के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती है। शीला कुल नौ बहने हैं, जिनमें से पांच शादीशुदा हैं।
पुलिस के अनुसार शीला दारू, मीट, गुटखा आदि का सेवन भी करती है तथा शातिर प्रवृत्ति की महिला है। खूबसूरत होने का फायदा उठाती है। राम उसकी खूबसूरती में फंस गया था। दोनों आरोपी इतने शातिर है कि कानून का सहारा लेकर डेढ़ माह तक पुलिस को अटकाए रखा। हाईकोर्ट से राहत पाकर आरोपी डेढ़ माह तक गिरफ्तारी से बचे।
उल्लेखनीय है कि इस तरह की फर्जी शादियां करवाने गैंग देशभर में सक्रिय हैं। बीकानेर जिले में पहले भी ऐसी वारदातें घटित हुई हैं।
ये थी आरोपियों को दबोचने वाली टीम: एसपी योगेश यादव के निर्देशन में एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया व सीओ दीपचंद सहारण के सुपरविजन व गोविंद सिंह के नेतृत्व में जांच अधिकारी एएसआई अशोक अदलान मय टीम में हैड कांस्टेबल दीपक यादव साईबर सैल, कांस्टेबल रामस्वरूप 1150 व महिला कांस्टेबल राधा 384 शामिल थीं।
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