17 November 2021 09:58 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मात्र 2 वर्ष की दुधमुंही बच्ची से रेप करने वाले बीकानेर के सबसे बड़े दरिंदे को कोर्ट ने सबक देने वाला फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास सहित 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला बीछवाल थाना क्षेत्र का है। बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि 19 मार्च 2016 की रात्रि को पेमासर गांव में दो साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना हुई थी। आरोपी पैमासर निवासी 35 वर्षीय छोटूराम पुत्र आसुराम जाट रात के समय बच्ची को श्मशान में ले गया था। जहां आरोपी ने उससे दुष्कर्म किया। वारदात की शिकार बच्ची बुरी तरह से लहुलुहान हो गई थी, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। तत्कालीन थानाधिकारी उनि धीरेन्द्र सिंह द्वारा आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस स्वयं परिवादी बनी, मामला केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया। आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भिजवाया गया। मामले में शीघ्र ही चालान पेश कर दिया गया। बाद में केस ऑफिसर सब इंस्पेक्टर सुमन शेखावत थीं। वहीं सुमन शेखावत के बाद हाल ही में थानाधिकारी मनोज शर्मा केस ऑफिसर बने।
उल्लेखनीय है कि केस ऑफिसर स्कीम के तहत केस ऑफिसर के सुपरविजन में गवाहों के बयान होते हैं। कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले अक्सर केस ऑफिसर स्कीम में लिए जाते हैं। इसका उद्देश्य अपराधी को सजा दिलाकर समाज को भी सबक देना होता है, ताकि भविष्य में फिर कोई बच्ची दरिंदगी की शिकार ना बने।
उल्लेखनीय है कि समाज के सबसे शर्मनाक अपराध को अंजाम देने वाले दरिंदे छोटूराम पुत्र आसुराम जाट को अब ज़िंदगी कालकोठरी में बितानी पड़ेगी। आजीवन कठोर कारावास की सजा काटना बेहद मुश्किल होता है। आरोपी ने दुधमुंही से दरिंदगी करने से पहले सोचा भी नहीं होगा कि काल कोठरी उसका भविष्य बनेगी। बता दें कि यह मामला बीकानेर जिले का सबसे कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म का मामला है। हालांकि प्रदेश व देश में दो वर्ष व इससे कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले भी सुने गए हैं।
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