05 June 2022 01:37 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की विशेष रिपोर्ट) इंसान को कुछ ही माह में तबाह कर देने वाले एमडीएमए(एमडी) का नशा अब पीबीएम में चोरियों का बड़ा कारण बन रहा है। मगर पुलिस नशे के सौदागरों के साथ साथ इन चोरों को रोकने में भी रूचि नहीं ले रही है। कई दिनों से पब्लिक इन चोरों को दबोचकर पुलिस को सौंप रही है और पुलिस बार बार इन्हें बिना ठोस कार्रवाई किए ही छोड़ रही है। पता चला है कि पिछले करीब 20-25 दिनों से पीबीएम में मरीजों व उनके परिजनों की जेबें काट रहे गैंग के सदस्य आला दर्जे के नशेड़ी है। ये गैंग गंगाशहर के सीताराम, रतनगढ़ के बरकत सहित कई मरीजों व उनके परिजनों के लाखों रूपए चुरा चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले करीब 24 घंटों में तीर बार चोर पकड़कर पुलिस को सौंपे गए मगर पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। शनिवार सुबह 10-11 बजे ट्रोमा में चोरी का प्रयास कर रहे तीन चोरों को पब्लिक ने दबोचा। सभी को पीबीएम चौकी के सुपुर्द किया गया मगर पीबीएम पुलिस ने सभी को बिना कार्रवाई फ्री कर दिया।
इसके बाद शनिवार शाम 4 बजे बच्चा वार्ड में दो चोर चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। फिर से इन्हें पुलिस के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने फिर से इन्हें फ्री कर दिया। शनिवार रात करीब 12 बजे फिर से बच्चा वार्ड में दो चोर पकड़े गए। पब्लिक ने इनकी जमकर धुनाई की। गार्ड ने पब्लिक से बचाकर अपने कब्जे में लिया। इन्हें गश्त कर रही सदर पुलिस के सुपुर्द किया गया था। मगर आज सुबह सदर थाने पर जानकारी चाही तो पता चला कि गश्त की गाड़ी बीती रात किसी चोर को थाने लेकर ही नहीं आई। चोरों को पकड़ने का सिलसिला यहीं नहीं थमा। जागरुक लोगों ने रविवार सुबह फिर दो चोर पकड़े। मगर पुलिस के सुपुर्द नहीं किया गया।
इससे पहले बुधवार व गुरूवार को भी ये चोर पकड़े गए थे, मगर पीबीएम चौकी पुलिस ने इनको ये कहते हुए छोड़ दिया कि चोर नशेड़ी है।
-बच्चे व औरतें भी शामिल:- सूत्रों की मानें तो पीबीएम में सक्रिय इस जेबकतरा गैंग में नाबालिग, औरतें व पुरुष सभी उम्र वर्ग के सदस्य शामिल हैं। आशंका है कि यह गैंग छ्त्तरगढ़ क्षेत्र से जुड़ा है। 24 घंटे सक्रिय रहने वाला यह गैंग किसी भी वार्ड में घुस जाता है। लाइनों में खड़े मरीज़ परिजनों सहित सोए हुए मरीजों परिजनों की जेब से पैसे व मोबाइल पार कर लेता है।
-एमडीएमए का करते हैं नशा:- दबोचे गए कुछ चोरों ने खुद बताया कि वह एमडीएमए का नशा करते हैं। मंहगा एमडीएमए खरीदने के लिए चोरी करते हैं। बता दें कि एमडीएमए पूर्ण रूप से कृत्रिम मादक पदार्थ है। जो इन दिनों बेहद चलन में है। अधिकतर रजनीगंधा के साथ मिलाकर खाया जा रहा यह नशीला पाउडर मंहगा भी है तो वहीं खाने वाले के शरीर के लिए भी 'मंहगा' पड़ता है। जानकारों का मानना है कि एमडीएमए का नशा करने वाले व्यक्ति का शरीर 1-2 साल में ही खत्म हो जाता है।
-कुछ खाते हैं नशीली गोलियां:- बुधवार-गुरुवार को पकड़े गए एक चोर की जेब में 10 पत्ते नशीली गोलियों के मिले थे। ये चोर नशे में ही थे। पीबीएम पुलिस ने इनका इलाज करवाया और छोड़ दिया। नशे की हालत में चोरी की वारदातें करते रहते हैं।
-पुलिस कहती हैं चोर नशेड़ी है और खामियाजा भुगत रही पब्लिक:- पिछले कई दिनों में बार बार इन चोरों को पब्लिक ने पकड़ा। पुलिस के हवाले भी किया मगर पुलिस ने इन चोरों को यह कहते हुए छोड़ दिया कि चोर नशेड़ी है। चोर चाहे नशेड़ी हो या ना हो, नुकसान तो पब्लिक का ही हो रहा है। कुछ दिन पहले रेडियोलॉजी विभाग में एक्स रे लाइन में खड़े सीताराम व एक अन्य की जेब से कुल 17 हजार रूपए चोरी हो गए। हाल ही में रतनगढ़ निवासी बरकत की जेब से 10400 रूपए व 15 हजार रूपए का मोबाइल चोरी हो गया। इसी तरह रोज चोरियां हो रही है।
बता दें कि इससे पहले भी नशेड़ियों द्वारा चोरी की वारदातें सामने आई हैं। पीबीएम से मोटरसाइकिलें चोरी होने में भी नशेड़ियों की भूमिका रही है। पुलिस ना तो नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर पा रही है और ना ही चोरों का इलाज कर पा रही है। अगर बीकानेर पुलिस अभियान चलाकर एमडीएमए, स्मैक, गांजा, कोडीन सिरप व नशीली गोलियों के तस्करों के खिलाफ एक बार सख्त कार्रवाई कर दे तो लंबे समय तक बीकानेर में नशे का साम्राज्य खत्म हो सकता है।
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