31 October 2021 06:53 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। सेवा बीकानेर का संस्कार है। ये संस्कार यहां के ज़र्रे ज़र्रे में रचे बसे हैं। ऐसे ही संस्कारों के पोषण में यहां समाजसेवी लगातार सेवा कार्य करते रहते हैं। श्रीडूंगरगढ़ में भी भीखम चंद पुगलिया चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीडूंगरगढ़ कोलकाता ने 17 दिनों तक सेवा की गंगा बहाई। 17 दिन चले निशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आज समापन हुआ।
धर्म चंद पुगलिया की स्मृति में श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित इस शिविर से 1000 से अधिक लोग लाभान्वित हुए। शिविर में श्रीडूंगरगढ़ उपखंड अधिकारी सहित बीकानेर व हनुमानगढ़ के दूर दराज क्षेत्रों से रोगी आए। लकड़ी के सहारे बिना ना चल सकने वाले व्यक्ति को यहां से अप्रत्याशित लाभ प्राप्त हुआ, अब वह बिना लकड़ी का सहारा लिए ही चल सकेगा। शिविर में राधेश्याम पारीक व रवि प्रकाश पारीक ने दिलोजान से रोगियों की सेवा की।
शिविर के समापन रेल संघर्ष समिति ने भी राधेश्याम व रवि प्रकाश का अभिनंदन किया। रेल संघर्ष समिति अध्यक्ष तोलाराम मारू ने बताया कि धर्मचंद भीखम चंद पुगलिया चैरिटेबल ट्रस्ट ने दूसरी बार इस तरह का शिविर आयोजित किया है। पहले शिविर में भी बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए। तुलसीराम चोरड़िया ने कहा कि शिविर में स्वस्थ हुए लोगों को बधाई दी। उन्होंने पुगलिया का आभार व्यक्त किया। नेचुरोपैथी थैरेपिस्ट राधेश्याम पारीक ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति आमजन का विश्वास बढ़ रहा है। शिविर में गठिया, घुटनों का दर्द, पैरों का दर्द सहित अनेक शारीरिक समस्याओं का समाधान किया गया। पूर्व पार्षद अशोक झाबक ने पुगलिया के इस कार्य की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में भीखमचंद पुगलिया ने सभी का आभार जताते हुए एक और शिविर आयोजित करने का विचार व्यक्त किया।
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