27 September 2021 12:37 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। रीट परीक्षा 2021 में नकल करवाने वाले चप्पल गिरोह से जुड़ा बड़ा राज सामने आया है। इस गिरोह का मास्टर माइंड तुलसाराम कालेर कोई और नहीं बल्कि आरपीएस अधिकारी का पति बताया जा रहा है। बीकानेर की शिवबाड़ी रोड़ पर चाणक्य इंस्टीट्यूट का मालिक तुलसाराम नकल करवाने में भी चाणक्य है। उसके खिलाफ पहले से चार पांच मुकदमें दर्ज है। मूलतः राजलदेसर का तुलसाराम वर्षों पहले बीकानेर आकर बस गया था। 2013 व 2014 में बीकानेर के जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने में उसके खिलाफ मुकदमे हुए थे। तुलसाराम फिलहाल फरार है।
ये है मामला-
बीती रात रीट परीक्षा में नकल करवाने वाले गिरोह को लेकर पुलिस को सूचना मिली थी। सूत्रों के मुताबिक देर रात ही गंगाशहर पुलिस ने जेगलिया बीदावतान चुरू निवासी मदनलाल पुत्र भीखराम जाट को नोखा रोड़ से दबोच लिया था। रात भर पुलिस पूछताछ करती रही। आखिर अल सुबह मदनलाल ने मुंह खोल दिया। उसने पुलिस को पच्चीस परीक्षार्थियों के नाम बताए, जिनसे तुलसाराम की डील हो चुकी थी। वहीं मास्टर माइंड तुलसाराम का नाम भी बता दिया। सूत्रों के मुताबिक मदन ने 20 परीक्षार्थियों के तो परीक्षा केंद्र व परीक्षा जिले भी बता दिए। वहीं पांच परिक्षार्थियों के गांव का नाम ही बता सका। पुलिस ने सुबह चार और लोगों को दबोच लिया। सुबह नोखा भादला निवासी त्रिलोक चंद पुत्र भंवरलाल शर्मा, रामपुर ताल छापर निवासी ओमप्रकाश पुत्र बेगाराम जाट, जेगलिया, बीदावतान निवासी गोपाल कृष्ण पुत्र रामलाल जाट व लोहा रतनगढ़ निवासी किरण पत्नी नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के मुताबिक ओमप्रकाश पूर्व सरपंच है। वह किरण को बीकानेर नोखा रोड़ लेकर आया था। उसकी परीक्षा बीकानेर में ही होनी थी। ओमप्रकाश आगे मदनलाल, त्रिलोकचंद व गोपालकृष्ण को लेकर जोधपुर जाने वाला था। अन्य अधिकतर अभ्यर्थी भी नागौर, जोधपुर आदि क्षेत्रों में इसी रूट से जाने वाले थे। इसी वजह से उन्होंने नोखा रोड़ क्षेत्र को चिन्हित रखा था।
मदनलाल खुद परीक्षार्थी होने के बावजूद पिछले एक वर्ष से तुलसाराम से नकल करवाने के तरीकों की जानकारी ले रहा था। वह तुलसाराम के घर पर उसके साथ ही रहता था। मदन ने त्रिलोक को अभ्यर्थियों को मिलवाने के काम में लगा रखा था। त्रिलोक इच्छुक अभ्यर्थियों की तलाश करता, उन्हें तुलसाराम से मिलवाता। एक अभ्यर्थी से नकल करवाने के बदले सात लाख रूपए एडवांस व ब्लैंक चैक लिए जाते। मदन नकल करवाने वाले डिवाइसों का प्रशिक्षण अभ्यर्थियों को देता।
ऐसे होती नकल-
तुलसाराम ने एक हवाई चप्पल बना रखी थी, जो एक प्रकार का मोबाइल ही है। इसमें पतली बैटरी, ट्रांसमीटर, सिम कार्ड आदि लगते हैं। इसके अतिरिक्त एक डिवाइस होता है जो प्राइवेट पार्ट के पास चिपकाया जाता है, क्योंकि यहां कोई चैकिंग नहीं होती। ये सभी मक्खी (एक तरह के स्पीकर) से जुड़े रहते हैं। तुलसाराम हर एक अभ्यर्थी से उसके नाम की दो सिम व एक की-पैड मोबाइल लेता था। एक सिम चप्पल में लगाता है, दूसरी मोबाइल में, ताकि पकड़े जाने पर उसका कोई रिकॉर्ड ना मिले। तुलसाराम अपने ठिकाने पर एक टेबल लगाकर बैठता, सभी 25 अभ्यर्थियों के 25 मोबाइल टेबल पर रखता और एक साथ सभी के चप्पल फोन पर रिंग करता। सभी अभ्यर्थी 25 मोबाइल से कनेक्ट होते, तब तुलसाराम एक साथ उत्तर बोलना शुरू कर देता। इस पूरे सिस्टम में कहीं भी इंटरनेट की जरूरत नहीं होती।
गंगाशहर पुलिस को आरोपियों से 23 चप्पल, 2 डिवाइस, 2 मक्खी बरामद हो चुके हैं।
गंगाशहर पुलिस ने पकड़ा गिरोह तो प्रदेशभर में मची खलबली और आया रिजल्ट:
गंगाशहर पुलिस की इस कार्रवाई ने प्रदेशभर में खलबली मचाई। प्रदेश के सभी संबंधित थानों को इनपुट दिए तो पांच और नकलची पकड़े गए। बीकानेर की जयनारायण व्यास कॉलोनी पुलिस ने वल्लभ गार्डन के सेंट पॉल स्कूल में बने सेंटर से सुरजाराम नाम के अभ्यर्थी को दबोचा। पुलिस ने दबिश दी तो चप्पलों पर नजर रखी गई। पुलिस को एक अभ्यर्थी की खास चप्पल से पुष्टि हो गई, लेकिन परीक्षा खत्म होने का इंतजार किया गया, ताकि अन्य अभ्यर्थियों पर बुरा असर ना पड़े। परीक्षा की समाप्ति के साथ ही सुरजाराम को चप्पल सहित गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके अतिरिक्त प्रतापगढ़ पुलिस ने हनुमान विश्नोई, मालाराम विश्नोई, नीमकाथाना सीकर पुलिस ने आदूराम व अजमेर पुलिस ने गणेशाराम को दबोच लिया।
बता दें कि गंगाशहर पुलिस द्वारा पकड़े गए पांच में से चार आरोपी रिश्तेदार हैं। इन सभी में आपस में बुआ, चाचा के रिश्ते हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई में गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण के नेतृत्व वाली उनि जयसिंह, एएसआई ईश्वर सिंह, एएसआई रामगोपाल, एचसी कानदान सांदू, एचसी दीपक यादव, एचसी संजय, कांस्टेबल वासुदेव, सवाई सिंह, मूलाराम, राकेश, सुभाषचंद्र, संजू व दिलीप सिंह की टीम सराहनीय कार्य किया। डीएसटी के हैड कांस्टेबल कानदान का विशेष सहयोग रहा। एसपी प्रीति चंद्रा, एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया व सीओ पवन भदौरिया का निर्देशन रहा। जांच में सीओ पवन भदौरिया, बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा व डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणियां शामिल रहे।
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