10 June 2021 11:52 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। नाल थाना क्षेत्र की जमीन में गड़े अज्ञात व्यक्ति के शव को निकालने के मामले में एसडीएम बीकानेर सवालों के घेरे में आ गई हैं। संवेदनशील मामले में एसडीएम के इस रवैये को लेकर चर्चा आम है। दरअसल, 7 जून को नाल पुलिस को जमीन में शव गड़े होने की सूचना मिली थी। नाल थानाधिकारी विक्रमसिंह चारण मय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जहां चबूतरा सा बना था। भीलवाड़ा पट्टियां गढ़ी थी। अंदर शव की आशंका थी। सीओ पवन भदौरिया भी मौके पर पहुंचे। लेकिन नियमानुसार शव निकालने के लिए एसडीएम की अनुमति अथवा उनकी मौजूदगी की जरूरत थी। सूत्रों के मुताबिक सीओ भदौरिया ने एसडीएम मीनू वर्मा को फोन किया। पहले तो वीसी में होने की बात कही गई। पुलिस ने इंतज़ार किया। कुछ समय बाद में एसडीएम ने सीओ से विधिक प्रावधान मांग लिया। आखिर सीओ भदौरिया को एसडीएम के नाम पत्र लिखना पड़ा। एसडीएम के इस रवैये की वजह से शव निकालने में काफी देरी हो गई। पुलिस के अनुसार 8 जून को शव निकाला गया था।
पुलिस के अनुसार जमीन में दबी चीजों को उत्खनन कर निकालने के लिए प्रशासनिक अधिकारी की अनुमति की जरूरत होती है। चर्चा यह भी है कि पुलिस व प्रशासन के बीच आपसी विश्वास का रिश्ता होता है। इस तरह के मामलों में लिखित कार्यवाही का समय नहीं होता। सूत्रों के मुताबिक इस आशय की सूचना कलेक्टर तक भी पहुंची है।
बता दें कि बाद में अज्ञात शव की पहचान भी हो गई। पुलिस के अनुसार जड़ी बूंटी बेचने वाला करौली निवासी राजेंद्र सिंह कोरोना पॉजिटिव हो गया था। जिसकी 24 मई को पीबीएम में मौत हो गई। परिजनों ने करौली शव ले जाने की असमर्थता की वजह से नाल थाना क्षेत्र की सूनी जमीन में तीन फीट का गड्ढ़ा खोदकर शव दफना दिया। इसके ऊपर 2-3 फीट का मिट्टी का चबूतरा भी बनाया। किनारों पर भीलवाड़ा की पट्टी के टुकड़े लगा दिए। शव में लगे टैग से उसके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली। पीबीएम से रिकॉर्ड निकलवाया तो पहचान भी उजागर हो गई।
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