18 November 2020 09:12 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर/श्रीगंगानगर। श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति पास करवाने की एवज में रिश्वत ले रहे ई-मित्र संचालक सहित कंप्यूटर ऑपरेटर को एसीबी ने ट्रैप किया है। मामला श्रीगंगानगर के सूरतगढ का है। एसीबी श्रीगंगानगर के उप अधीक्षक वेदप्रकाश लखोटिया के नेतृत्व में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। सूरतगढ़ के एक श्रमिक ने 2017 में अपनी बेटी के लिए छात्रवृत्ति हेतु आवेदन किया था। अब छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई तो छात्रवृति की राशि बैंक खाते में डलवाने के लिए ने सूरतगढ़ के श्याम ई-मित्र संचालक व ऑपरेटर ने चार हजार की रिश्वत मांगी। लखोटिया ने मामले में संज्ञान लेते हुए 12 नवंबर को सत्यापन करवाया, जिसमें पांच सौ रूपए एडवांस लेने की पुष्टि हुई। आज रिश्वत में मांगी गई राशि का बकाया 3500 रूपए लेते हुए ई-मित्र संचालक रमेश कुमार शर्मा को रंगे हाथों दबोच लिया गया। वहीं इस कार्य में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर बलराम उर्फ बालूराम को छत्तरगढ़ पुलिस के सहयोग से दबोच लिया गया।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे खेल में सिर्फ यह ई-मित्र ही शामिल नहीं था, बल्कि ई-मित्र संचालकों व श्रम विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा था। चौकी के कार्यवाहक प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणेशनाथ ने बताया कि मौके पर जांच के दौरान दोनों आरोपियों द्वारा श्रीगंगानगर के अन्य दो ई-मित्र संचालकों के जरिये श्रम विभाग के अधिकारियों को रिश्वत राशि पहुंचाकर मजदूरों के श्रमिक कार्ड बनाने व उनको देय लाभों की स्वीकृति हेतु पचास प्रतिशत तक की रिश्वत राशि लेने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान एसीबी डीजी बीएल सोनी, एडीजी दिनेश एम एन व जोधपुर के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने सरकार की छात्रवृति योजनाओं का पात्र श्रमिकों को लाभ ना देने व रिश्वतखोरी होने की जानकारी करवाई थी। जिसके बाद एसीबी श्रीगंगानगर ने डीवाईएसपी वेदप्रकाश लखोटिया के नेतृत्व में यह कार्रवाई शुरू की। लखोटिया ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। चौकी के इंस्पेक्टर विजेंद्र सीला व हंसराज शर्मा मु.आ. के नेतृत्व में अलग अलग टीमें साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। वहीं श्रम विभाग के अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच जारी है।
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