12 October 2020 08:35 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना वायरस 28 दिनों तक जीवित रह सकता है, अगर यह शोध सही है तो यह बहुत ही खतरनाक है। आस्ट्रेलियाई एजेंसी सीएसआईआरओ की ताज़ा रिसर्च के अनुसार कोरोना वायरस अत्यधिक मजबूत है। यह मोबाइल फोन के कांच, प्लास्टिक, स्टील और बैंक नोट जैसी चिकनी सतहों पर 28 दिनों तक जीवित रह सकता है। जबकि इससे पहले हुए अन्य शोध के अनुसार सामान्य तापमान में स्टील पर तीन से 14 दिनों तक इसके जिंदा रहने का दावा किया गया। वहीं वर्तमान शोध 20 डिग्री सेल्सियस तापमान व अंधेरे में किया गया। शोध की परिस्थितियों के अनुसार अंधेरा कमरा, 20 डिग्री तापमान, स्थिर तापमान व नम हवा आमतौर पर असल जिंदगी में सामान्यतः हर कहीं नहीं मिलती। शोध के अनुसार हर परिस्थिति में वायरस के जिंदा रहने की अवधि में अंतर आ जाता है।
बता दें कि शोध की टीम का कहना है कि यह वायरस ठंडी परिस्थितियों में स्टेनलेस स्टील पर अधिक देर तक जीवित रहता है। इससे यह पता लग जाता है कि कोविड का गंभीर असर मीट प्रोसेसिंग केंद्र और कोल्ड स्टोरेज की जगह पर अधिक क्यों हुआ होगा। बता दें कि पूरी दुनिया में मीट प्रोसेसिंग केंद्रों व बूचड़खानों में कार्यरत हजारों लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं इसका उद्गम भी वुआन के मीट मार्केट से बताया जाता है। इससे पहले वायरस संक्रमण के अधिक मामलों में मूल कारण बंद कमरों में काम करना, ठंडा व नमी का मौसम भी बताया गया। इस शोध के नतीजे पहले आए उन शोधों के नतीजों से मेल खाते हैं जिनमें दावा किया गया कि फ्रिजर में रखे खाने में कोरोना वायरस अधिक समय तक जीवित रह सकता है।
बता दें कि विभिन्न शोध कम तापमान को कोरोना संक्रमण के लिए अनुकूल बताते आए हैं। वहीं इस आस्ट्रेलियाई एजेंसी के शोध वाली परिस्थितियां अब सर्दियों के मौसम में निर्मित हो सकती है। अगर ऐसा है तो सर्दियां खतरनाक साबित हो सकती है। बता दें कि वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार भी ठंडे तापमान की तुलना में गर्म तापमान में ये वायरस कम देर तक जीवित रहता है। चालीस डिग्री सेल्सियस पर रखने पर कुछ सतहों पर ये वायरस चौबीस घंटों के भीतर संक्रामक नहीं रह जाता।
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