03 May 2021 03:16 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी अब लॉक डाउन की आशंका बढ़ाने लगी है। देशभर में सख्त लॉकडाउन की सुगबुगाहट तेज़ है। जानकारी के मुताबिक संक्रमण दर हर राज्य में 30-32 फीसदी तक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा रोज होने वाली जांचों के आधार पर निकाला जा रहा है। राजस्थान में भी संक्रमण इसी प्रतिशत पर है। वहीं कोरोना से होने वाली मौतें भी रोज़ बढ़ रही है। हालांकि प्रदेश में रेड अलर्ट महामारी जन अनुशासन पखवाड़ा भी शुरू हो चुका है। लेकिन पहले पखवाड़े के बाद भी जिस तरह स्थितियां नियंत्रित नहीं हुई है, चिंता बढ़ रही है। हालात यह है कि देश में सारी चिकित्सा व्यवस्थाएं बौनी साबित हो रही है। बेड, ऑक्सीजन व रेमडेसिविर की किल्लत के बाद अब डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मियों व हेल्थ वर्करों की कमी हो रही है। सच तो यह है कि इन हालातों की जिम्मेदार जनता भी उतनी ही है। पहले चुनावों में नेता जिम्मेदारी भूले और कोरोना संकट खड़ा हुआ। अब आफत सर पर मंडरा रही है मगर आमजन समझने को तैयार नहीं है। आवश्यकता पूरी होने के लिए दी गई छूट का फायदा उठाया जा रहा है। कुछ समय के लिए खुल रहे बाजार भीड़ को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में आमजन अब भी नहीं समझा तो आख़िरी उपाय सख्त लॉक डाउन हो सकता है।
हालांकि सख्त लॉक डाउन अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जाएगा। सभी वर्गों को भारी नुकसान होगा। मध्यमवर्गीय परिवार इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। ऐसे परिवारों को कहीं से सहायता भी नहीं मिलती।
अब कोरोना की चेन तोड़ना आमजन के हाथ में है। हर नागरिक को यह समझना होगा कि उनका बाहर निकलना स्वयं व दूसरों के लिए जानलेवा है।
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