08 September 2020 01:15 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कंगना रणौत के मुंबई पहुंचने से ठीक पहले दो बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं। मुंबई स्थित कंगना के ऑफिस के मुंबई म्यूंसिपल कॉरपोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई ने नोटिस चस्पा कर दिया है। वहीं दूसरी ओर अब संजय राउत को शिवसेना का चीफ प्रवक्ता बना दिया गया है। नोटिस में कंगना के ऑफिस में सात मुख्य बिंदुओं के तहत कई तरह के अनाधिकृत निर्माण बताए गए हैं। उनके ऑफिस में चल रहा लीकेज का काम रुकवा दिया गया है। ये सब तब किया जा रहा है जब कंगना सरकार के खिलाफ मुखर हो गई। पालघर मॉब लिंचिंग व सुशांत प्रकरण में मुंबई पुलिस की निंदा से शुरू हुआ मामला राजनीतिक हो चुका है।
म्यूंसिपल बोर्ड का यह नोटिस कंगना की रीढ़ तोड़ने का हथकंडा माना जा रहा है। सवाल यह है कि क्या महाराष्ट्र सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं, कि उनके यहां लोकतंत्र नहीं चलेगा। उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही महाराष्ट्र सरकार व मुंबई पुलिस कठघरे में है। वहीं कंगना को धमकियां भी मिल चुकी है।
ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या शिवसेना महाराष्ट्र को देश से अलग स्थापित करना चाहती है। कंगना 9 सितंबर को मुंबई पहुंचेगी। गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाई है। ऐसे में अब अगर किसी भी तरह का हमला उन पर आसान नहीं होगा। लेकिन दूसरी ओर मुंबई अब कंगना के लिए आसान नहीं रहेगी। मुश्किलें पैदा करने का यह सिलसिला शुरू हो चुका है। अब देखना यह है कि महाराष्ट्र सरकार लोकतंत्र को दबाने के प्रयास में किस हद तक जाती है।
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