30 October 2020 09:51 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मौत वाले ब्याज पर कर्जदार बनने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। ख़बरमंडी न्यूज़ की मुहीम से इस ब्याज़ के पीड़ित लोग लगातार जुड़ रहे हैं। इस बार मामला नोखा थाना क्षेत्र का है। यह मामला जानकर आपकी रूह तक कांप उठेगी। दरअसल, एक दंपत्ति को अपने बच्चे के इलाज़ के लिए पैसों की जरूरत थी। इस दंपत्ति की मासूम संतान भारी बीमारी से पीड़ित हो गई थी। मासूम के जीवन को बचाने के लिए पैसे की व्यवस्था ना होने पर दंपत्ति मौत वाले ब्याज पर कर्जा देने वाले एक माफिया के चंगुल में फंस गया। इस माफिया से एक लाख का कर्जा लिया गया। माफिया ने एक लाख पर दस हजार रूपए प्रतिमाह ब्याज़ देने की शर्त पर पैसे दे दिए। बच्चे की मां ने बच्चे की बीमारी के इलाज की बात बताते हुए माफिया से ब्याज़ साधारण करने की गुहार लगाई। लेकिन ब्याज माफिया ने एक ना सुनी। ऐसे में मजबूर दंपत्ति ने अपने बच्चे को बचाने के लिए दस रूपए सैकड़े पर एक लाख का कर्जा ले लिया।
इस एक लाख पर दंपत्ति ने नौ माह तक दस हज़ार रूपए हर माह चुकाए। वहीं एक लाख मूल भी चुकाए। लेकिन इस कर्जे को चुकाने व इलाज के लिए अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ने पर दंपत्ति ने इस तरह का तीन लाख रूपए कर्जा और ले लिया। इस तरह दंपत्ति पूरी तरह ब्याज़ माफियाओं के चंगुल में फंस गया है। दूसरी तरफ कोरोना ने रोजगार भी छीन लिया है। पीड़िता ने बताया कि ब्याज़ माफियाओं द्वारा गंदी गालियां व धमकियां दी जाती है। यहां तक कि ब्याज़ माफिया के पांच सात लोग बहुत बार उसके घर पर आकर हंगामा कर चुके हैं। ऊंची पहुंच व गुंडा प्रवृत्ति के इन माफियाओं के खिलाफ शिकायत करने में जान का ख़तरा बना रहता है। ये माफिया कर्जा देते वक्त दो-तीन ब्लैंक चैक के साथ सादे स्टांप पर हस्ताक्षर करवा लेते हैं। ऐसे में शिकायत करने अथवा किश्त या ब्याज ना भरने की दशा में चैक बाउंस का केस लगा दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि एन आई एक्ट के करीब करीब इकतरफा कानून का ये ब्याज़ माफिया बड़ा फायदा उठाते हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस व प्रशासन के पास सभी अपराधों की जड़ इस मौत वाले ब्याज़ के काले धंधे की कमर तोड़ने की कोई सोच ही नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक इन माफियाओं ने इस भारी भरकम ब्याज़ के चंगुल में लोगों को फंसाकर उनके घर व गहने तक हड़प लिए। तो वहीं आए दिन होने वाली आत्महत्याओं में इन माफियाओं की भूमिका रहती है। नोखा की गली गली में इस तरह के ब्याज माफिया डेरा जमाए हुए हैं। हालांकि ये हाल पूरे बीकानेर का है।
अब देखना है कि प्रशासन व पुलिस अपराधों की जड़ इस मौत के ब्याज़ माफिया पर कब कार्रवाई करते हैं। जब तक पुलिस इस काले धंधे की कमर नहीं तोड़ेगी तब तस्करी, फायरिंग, हत्या आदि अन्य अपराधों को रोकना मुमकिन नहीं है।
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