27 October 2020 09:25 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम के जनाना अस्पताल में मानव सेवा की बजाय भ्रष्टाचार का नंगा नाच चल रहा है। आमजन के टैक्स के पैसे से भारी भरकम तनख्वाह पाने वाला स्टाफ अपना काम आधी ईमानदारी से भी नहीं कर रहा है। प्रसव पीड़ा होने पर जनाना अस्पताल पहुंचने वाली महिला को यहां भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां के गार्ड व चौकीदार से लेकर अटेंडेंट व अन्य स्टाफ तक के हाथ काली कमाई से सने हैं। सूत्रों की मानें तो यहां गांव से आई जननी को सबसे अधिक पीड़ा भोगनी पड़ रही है। शहर के लोग तो स्वत: ही सौ से पांच सौ हजार की बख्शीश दे देते हैं। लेकिन गांव से आए मरीज़ इतना जल्दी पैसा नहीं निकालते। ऐसे में पैसे ना मिलने तक प्रसूता की कोई सार संभाल नहीं होती। आख़िर प्रसूता पैसे देने को मजबूर हो जाती है। बताया जा रहा है कि लेबर रूप में ऑन ड्यूटी दो रेजीडेण्ट भी होते हैं लेकिन इतने सारे मरीजों तक उनका पहुंचना संभव नहीं हो पाता।
जहां रेजीडेण्ट तक मरीज़ स्वयं पहुंच भी जाए तो नर्सिंग द्वारा इंजेक्शन देने में भी कोताही बरती जाती है। सूत्रों की मानें तो लेबर रूम की इस दुर्दशा से अस्पताल प्रशासन खुद भी परेशान है, लेकिन कर कुछ नहीं सकता। सरकार से अच्छी खासी तनख्वाह देने के बाद भी अमानवीयता की हदें पार करने वाले इस स्टाफ पर ख़बरमंडी न्यूज़ लगातार नज़र बनाए हुए है। यहीं के एक कर्मचारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि हर प्रसूता को यहां दो हजार की घूस देनी ही पड़ती है। अमानवीयता की हद तो ये है कि कई बार बच्चे की मृत्यु हो जाने पर भी पैसे मिलने तक खेल खेला जाता है।
इससे भी अधिक चौंकाने वाले कांड यहां रात को होते हैं। रात के समय का फायदा उठाते हुए घूस की राशि बढ़ जाती है। सूत्रों का कहना है कि यहां के रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात गार्ड को सर्विलांस पर लिया जाए तो कई घिनौने सच उजागर हो सकते हैं। बता दें कि रात के समय यहां बाहरी पुरुषों को प्रवेश नहीं दिया जाता, इसका फायदा भी यहां उठाए जाने की ख़बर है। अब देखना यह है कि लेबर रूप के इस गंदे खेल पर लगाम कैसे लगाई जाती है।
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