09 October 2020 11:47 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। जब न्याय पर आंच आने लगती है तब अपराध को बढ़ावा मिलता है। नोखा थाना क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। 1 सितंबर को नोखा के एक वार्ड की निवासी महिला ने नोखा थाने में तीन नामजद युवकों के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट, गाली गलौच व लज्जा भंग करने का मुकदमा दर्ज करवाया था। बताया जा रहा है कि परिवादिया का विकलांग देवर घर के आगे परचून की दुकान चलाता है। लेकिन रामलाल, हीरालाल व कालूराम आए दिन उधार सामान के नाम पर गाली गलौच, मारपीट व धक्का मुक्की करते हैं। 30 अगस्त को भी तीनों आरोपी परिवादिया के घर में घुस आए। इस दौरान आरोपियों ने विकलांग दुकानदार से सिगरेट व भुजिया आदि उधार मांगे। उधारी देने से मना करने पर आरोपियों ने गाली गलौच व धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इस दौरान बीच बचाव में आई परिवादिया को गिराकर कपड़े फाड़ दिए गए व मारपीट सहित गंदी गालियां दी गई।
वहीं विकलांग देवर के गाल को काट खाया गया। आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन निष्पक्ष जांच ना करते हुए आरोपियों के खिलाफ मारपीट की साधारण धारा में चालान कर रहा है। परिवादिया का आरोप है कि जांच अधिकारी एचसी रामेश्वर लाल आरोपियों से मिला हुआ है। वहीं दूसरी ओर आरोपी एससी एसटी के मुकदमें में फंसाने की धमकी भी दे रहे हैं।
परिवादिया के अधिवक्ता अनिल सोनी ने बताया कि आरोपियों ने घर में घुसकर वारदात की थी। घर में घुसकर ऐसी वारदात करने पर धारा 452 आईपीसी बनती है। लेकिन जांच अधिकारी ने 452 आईपीसी नहीं लगाई है। वहीं घटना के दौरान आरोपियों ने परिवादिया को पटककर कपड़े आदि वस्त्र फाड़े, गाली गलौच की, इस तरह परिवादिया की लज्जा भंग की। लेकिन 354 आईपीसी चालान से उड़ा दी गई।
बता दें कि परिवादिया ने आईजी बीकानेर प्रफुल्ल कुमार के समक्ष न्याय के लिए गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि आईजी ने मामले को गंभीरता से सुनते हुए उचित आश्वासन दिया है। अब देखना यह है कि नोखा पुलिस द्वारा न्याय की रक्षा की जाती है या अपराधियों को बचाया जाता है।
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