16 September 2024 11:25 AM


ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। विरासत संवर्द्धन संस्थान द्वारा ग़ज़ल संध्या का आयोजन रविवार शाम गंगाशहर स्थित टीएम ऑडिटोरियम में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। यह रस्म संस्थान अध्यक्ष टोडरमल लालाणी, सुर संगम संस्थान अध्यक्ष के. सी. मालू, ओसवाल पंचायती प्रन्यास अध्यक्ष चंपालाल डागा, गंगाशहर नागरिक परिषद कोलकाता अध्यक्ष मदन मरोटी, कामेश्वर प्रसाद सहल, भैरव प्रसाद कत्थक, हंसराज डागा, जतनलाल दूगड़, संपत्त लाल दूगड़ आदि ने निभाई। इस अवसर पर प्रारम्भ में विरासत संवर्धन संस्थान से प्रशिक्षित मनोहरी, सुनीता, लक्ष्मी व भगवती गोस्वामी बहनों ने मांड व सारंग पर आधारित सुमधुर राजस्थानी गीत प्रस्तुत किये तो श्रोताओं ने तालियां बजाकर उन्हें सराहा। संस्थान से ही प्रशिक्षित लता मलघट ने मदनमोहन की संगीत रचनाओं व लता मंगेशकर द्वारा गाई गई रचनाओं

वो चुप रहे तो..

एवं

रस्में उल्फत को निभायें तो निभायें कैसे...
प्रस्तुत की।
विरासत अध्यक्ष टोडरमल लालाणी ने अपने आशीर्वचन में ग़ज़ल के बारे में बताते हुए कहा कि ग़ज़ल हमारी विरासत है, जिसका मूल रूप लुप्त हो रहा है। फिल्मी ग़ज़लों ने ग़ज़ल के मूल रूप पर प्रभाव डाला है। उन्होंने सुर संगम के के.सी. मालू द्वारा राजस्थानी सांस्कृतिक एवं संगीत विरासत के लिए लगातार किये जा रहे प्रयासों तथा सामाजिक सरोकारों के दायित्वपूर्ण निर्वहन करने के लिए साधुवाद व्यक्त किया।
ग़ज़ल संध्या की मुख्य गायिका रीवा, मध्यप्रदेश से आईं मुकुल सोनी ने ग़ज़लों से बीकानेर के संगीत रसिकों को भाव विभोर कर दिया। मुकुल ने
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