16 December 2024 08:05 PM
युवा नेता ने लगाए भेदभाव के आरोप, कहा जस्सूसर सैटेलाइट में तो कुछ नहीं हुआ ठप्प!
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। लंबे समय से डॉक्टरों का अभाव झेल रहा गंगाशहर सैटेलाइट अस्पताल अब 24×7 इमरजेंसी सेवा विहीन हो गया है। पिछले सात दिनों से यहां रात्रिकालीन इमरजेंसी सेवाएं बंद है। कुछ समय पहले जब ये सेवाएं शुरू हुई थी तब गंगाशहर क्षेत्र सहित आसपास के गांवों तक खुशहाली छा गई थी। अब फिर से चेहरे मुरझाने लगे हैं। बीती रात एक युवती की तबीयत बिगड़ी तो बड़ी उम्मीद के साथ उसकी माता उसे गंगाशहर अस्पताल लाई। लेकिन दरवाजे बंद मिले। उसकी हालत बिगड़ी हुई थी। जानकारी के अनुसार फिलहाल अस्पताल सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक ही चल रही है। लंबे समय से गंगाशहर नागरिक परिषद, युवा जनप्रतिनिधि हेमन्त कातेला सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा डॉक्टर व स्टाफ की मांग की जा रही है। डॉक्टर बढ़ाने की मांगे तो पूरी नहीं की गई, उल्टा डॉक्टर कम कर दिए गए हैं। कुछ दिनों पहले तक सीनियर डॉक्टर व रेजीडेन्ट मिलाकर 19 डॉक्टर थे। अब 10 डॉक्टर ही शेष हैं, 2 रोटेशन में भी है। इनमें से भी 2-3 छुट्टी पर रहते ही हैं। ईएनटी विभाग तो सितंबर से ही बंद है।
रात्रिकालीन इमरजेंसी सेवाएं शुरू करने के लिए सीनियर व जूनियर रेजीडेन्ट मिलाकर 10 डॉक्टर चाहिए। नर्सिंग स्टाफ की भी आवश्यकता है। हालांकि फिलहाल हालात यह है कि दिन में भी इमरजेंसी सेवाओं में दिक्कत आती है।
-भामाशाहों ने संवारा, सिस्टम ने बिगाड़ा: गंगाशहर नागरिक परिषद के प्रयासों व भामाशाहों के सहयोग से गंगाशहर अस्पताल का कायाकल्प हो चुका है। इन भामाशाहों की सूची लंबी है। विभिन्न विभागों हेतु बिल्डिंग को विकसित किया जा चुका है। विकास की प्रक्रिया निरंतर जारी है। समाजसेवी जतनलाल दूगड़ नियमित समय देते हैं। संपत लाल दूगड़ भी नियमित देखरेख करते हैं। गंगाशहर के समाजसेवियों, कार्यकर्ताओं व युवाओं का योगदान भी निरंतर मिल रहा है। मगर सपनों के अस्पताल पर सिस्टम की अनदेखी नज़र लगा रही है। यह हश्र महज स्थानीय विभागों की अनदेखी की वजह से नहीं है, बल्कि राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग की लापरवाही भी एक कारण है।
-युवा जनप्रतिनिधि ने लगाए भेदभाव के आरोप :- गंगाशहर सैटेलाइट अस्पताल के कायाकल्प में रूचि रखने वाले युवा जनप्रतिनिधि हेमन्त कातेला ने भेदभाव के आरोप लगाए हैं। हेमंत ने कहा कि जस्सूसर गेट की सैटेलाइट अस्पताल मज़े से सुचारू है। लेकिन गंगाशहर की अस्पताल में दिक्कत है। हमेशा से ही गंगाशहर के इस अस्पताल के साथ भेदभाव किया गया। गंगाशहर स्थित विधानसभा पूर्व का यह अस्पताल दोनों विधानसभा के नागरिकों की जरूरत है। लेकिन इसके साथ हमेशा से ही सौतेला व्यवहार किया गया है। बार बार आग्रह के बावजूद इस अस्पताल के लिए आवश्यक स्टाफ व डॉक्टर उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे। अगर ऐसे ही चला तो जल्द ही आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
-राजनीतिक शिथिलता भी है पिछड़ेपन का बड़ा कारण: उल्लेखनीय है कि विधानसभा पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी इन सब मामलों को लेकर काफी उदासीन रही हैं। हालांकि वह अपना बजट लगाने में तो आगे रहती हैं, उन्होंने अपने बजट से कुछ बजट अस्पताल के लिए भी दिया है मगर क्षेत्र की समस्याओं के समाधान व आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु स्वत: संज्ञान लेने में बेहद पीछे रहती आईं हैं।
-जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से जस्सूसर सैटेलाइट को मिला गौरव: जस्सूसर गेट स्थित सैटलाइट अस्पताल आज की तारीख़ में समृद्ध जिला अस्पताल है। ऐसा नहीं है कि यहां चिकित्सकों का अभाव नहीं लेकिन इतना अभाव भी नहीं कि इमरजेंसी सेवाएं ही ठप्प हो जाए। इस क्षेत्र से जुड़े जनप्रतिनिधियों का अपने क्षेत्र से लगाव रहा है। इसी वजह से जस्सूसर सैटेलाइट समृद्ध रहा है।
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