07 May 2025 09:11 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। राष्ट्रीय सुरक्षा व आपाताकालीन स्थिति के मद्देनजर बीकानेर में घोषित ब्लैक आउट पूर्णतया सफल नहीं हो पाया। बीकानेर में ब्लैक आउट का समय रात्रि 8:15 बजे से 8:30 बजे तक था। देश की सुरक्षा के मामले में चल रही तमाम चीजों के बीच यह ब्लैक आउट एक तरह से आपाताकालीन स्थितियों में सुरक्षित रहने के अभ्यास के तौर पर था।
ब्लैक आउट समय पर शुरू नहीं हो पाया। गंगाशहर इलाके की बात करें तो यहां घरों में अधिकतर ब्लैक आउट कायम हुआ। कुछ प्रतिशत दुकानों ने जागरुकता नहीं दिखाई। जबकि सड़कों पर जागरुकता की जमकर कमी दिखी। दुपहिया, तिपहिया व चौपहिया वाहनों लाइट्स नहीं बंद की। सड़कों पर वाहन लाइट्स की रोशनी ने ब्लैक आउट को असफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। हालांकि पुलिस वाहन ने ब्लैक आउट का पालन पूरी सतर्कता के साथ किया। पुलिस वाहन की सभी लाइट्स बंद दिखी। पुलिस समझाइश करती भी नज़र आई। इसके अतिरिक्त कहीं कहीं रोड़ लाइट्स भी चालू दिखी।
मुद्दा देश की सुरक्षा का है। युद्ध की स्थिति में यही जागरुकता देश की सुरक्षा को पुख्ता करती है। नागरिकों को इसे समझना होगा। हालांकि सायरन की कमजोर आवाज़ को अनसुना नहीं किया जा सकता। पूरे ब्लैक आउट में सायरन सुनाई नहीं देने की शिकायतें रहीं। बता दें कि अब समय बदल चुका है, घरों में कूलर, पंखे, एसी, फ्रिज, टीवी सहित विभिन्न उपकरण चलते हैं। पहले की तरह खुला क्षेत्र भी कम है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह सायरन को दुरूस्त करें ताकि आपातकालीन स्थिति में सायरन की आवाज़ जन जन के कान खड़े कर सके। चौंकाने वाली बात तो यह है कि कुछ सरकारी कार्यालयों ने ही सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई। बीकानेर मुरलीधर स्थित मौसम विभाग में लाइटें जलती रहीं।हमने ब्लैक आउट का एक वीडियो बनाया, जिसमें पुलिस जिम्मेदार दिखी और जनता गैर जिम्मेदार। ये मुद्दा देश हित का है, इसलिए जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रशासन के साथ साथ जनता की कमी भी उजागर की जानी चाहिए। देखें वीडियो
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