22 October 2024 11:28 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। आए दिन हो रही रेजीडेन्ट डॉक्टरों की हड़ताल जहां सरकार की असफलता उजागर कर रही है तो वहीं नई पीढ़ी के डॉक्टरों में संवेदनाओं की कमी भी सामने ला रही है। यह पहली बार नहीं है जब रेजीडेन्ट किसी वजह से हड़ताल पर हैं। पिछले कई वर्षों में रेजीडेन्ट में हड़ताल एक आदत बन चुका है। कभी मरीज परिजनों द्वारा अभद्रता का मुद्दा तो कभी अन्य मांगें, इन हड़तालों की वजह है। सरकारें लगातार इस संतुष्टि को खत्म करने में नाकाम साबित हो रही है।
बहरहाल, राजस्थान में रेजीडेन्ट डॉक्टरों की हड़ताल का चौथा दिन है। बीकानेर में भी इस हड़ताल का दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है। पीबीएम में सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि, सीनियर डॉक्टरों की पूर्ण सक्रियता से मरीजों को फायदा ही मिलेगा। लेकिन जो काम रेजीडेन्ट को करना था, वह भी नर्सिंग स्टाफ के भरोसे है। एक तरफ बीमारियों का सीजन है। पीबीएम की मेडिकल इमरजेंसी में एक एक बेड पर दो दो मरीज़ हैं। इमरजेंसी के फर्श पर भी मरीज लेटे हुए हैं। देखा गया कि भीड़ से निपटने के लिए दवा देकर ही मरीजों को रवानगी दी जा रही थी। हालांकि, नेताओं की सिफारिशें आधा बेड दिलाने में कामयाब रहीं। काफी ऑपरेशन रद्द किए गए हैं।
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ गुंजन सोनी स्वयं भी रात 9 बजे तक मोर्चा संभाल रहे हैं। इमरजेंसी सेवाओं से लेकर हर वार्ड की जिम्मेदारी अभी सीनियर डॉक्टरों के कंधे पर है। होनी ही है, रेजीडेन्ट डॉक्टरों ने तो मांग मनवाने की हठधर्मिता में इमरजेंसी सेवाओं को सुचारू रखने जितनी भी संवेदनाएं जीवित नहीं रखी। अब सरकार की उदासीनता और रेजीडेन्ट्स की संवेदनहीनता एक बराबर हो चुकी है। हालांकि प्राइवेट क्लिनिक छोड़कर पीबीएम में कर्तव्य निभाना पड़ा तो कई सीनियर डॉक्टर झल्लाए हुए भी नज़र आए।
-फौजी और डॉक्टरों की भूमिका समान, फिर क्यूं है इतनी अनुशासनहीनता: कभी देखा है सरहद के सैनिकों को हड़ताल पर? नहीं ना! क्योंकि कुछ काम मात्र सेवा ही होते हैं। जैसे सेना में भर्ती होकर दुश्मन से देश की रक्षा करना या डॉक्टर बनकर बीमारियों से देश की रक्षा करना। ये काम उन्हीं को चुनना चाहिए जिनमें सेवा भाव हो। अन्यथा काम धंधे तो खूब है, कर लेने चाहिए।
हड़तालों के इस बढ़ते चलन को रोकने के लिए मेडिकल एजुकेशन में भी फौज की तरह अनुशासन की शिक्षा व नियम बनाए जाने चाहिए। फिर, सुविधाएं भी वैसी मुहैया कराई जाए। ताकि आने समय में मेडिकल इमरजेंसी किसी बड़े विनाश का कारण ना बनें। देखें वीडियो
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