14 January 2022 07:54 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य को फटकार लगाई है। मामला बीकानेर की एक कृषि भूमि पर उद्योगों व सीवरेज का पानी छोड़े जाने से जुड़ा है। अधिवक्ता विनायक चितलांगी व रवैल भारतीय ने बताया कि इस मामले से जुड़ी सुनवाई में जवाब देने हेतु मुख्य सचिव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एनजीटी की बैंच से जुड़ना था। मगर मुख्य सचिव ना तो सुनवाई हेतु वीसी पर हाजिर हुए और ना ही शपथ पत्र पेश किया। नाराज़ बैंच ने फटकार लगाते हुए इसे गैर जिम्मेदाराना बताया। मीडिया सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव ने अगले माह सेवानिवृत्त होने का तर्क दिया। बैंच ने टिप्पणी की है कि सेवा में रहने तक जिम्मेदारी निभाने से इन्कार नहीं किया जा सकता। अगर सेवानिवृत्ति का तर्क देकर जिम्मेदारी नहीं निभाना चाहते तो पद छोड़कर किसी अन्य को मौका देना चाहिए।
एनजीटी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च 2018 तक ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के निर्देश दे रखे हैं। लेकिन इनमें देरी के लिए किसी की जवाबदेही तय नहीं की गई है। वे मुख्य सचिव से इस बारे में जवाब चाहते थे। मगर प्रशासन का यह रवैया बिल्कुल ग़लत है। ऐसी स्थिति में सुशासन कैसे प्रदान किया जा सकेगा।
अधिवक्ताओं के अनुसार उन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास निवास कर रहे लोगों को कंपनसेशन दिलवाने हेतु भी प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रखा है। इस संदर्भ में महेश झंवर ने भी नोखा नगर पालिका के खिलाफ दावा लगाया बताते हैं।
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