21 January 2022 07:59 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर का तो जैसे अब भगवान ही मालिक है। यहां ना जनता के चुने हुए ताकतवर जनप्रतिनिधी जागरुक है और ना ही सरकारी नौकर जिम्मेदार है। जागरुकता तो दूर की बात है, समस्या बताने पर भी यहां समाधान नहीं होते। पिछले एक माह से अधिक समय से दिन के उजाले में जल रही रोड़ लाइटें चीख चीख कर हकीकत बयान कर रही है। जागरुक जन की शिकायत भी नजरंदाज कर दी जाती है।
दिन में लाइटें जलने की यह समस्या जस्सूसर गेट, धर्मनगर द्वार, व्यासों का चौक, जस्सोलाई, डागा चौक, साले की होली, दम्माणी चौक आदि क्षेत्रों में है। कई दिनों तक जब लाइटें जलती रही तो 1 जनवरी को पार्षद प्रदीप उपाध्याय ने संबंधित नंबर पर शिकायत भी दर्ज करवाई, मगर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे भी लाइटें जल रही थी। हमने दिन में जलती लाइटों की फोटो ले ली।
मामले में एईएन अनिल कुमार से जानकारी चाही तो उन्होंने गोल-मटोल जवाब दिया। कहा टाइमर लगा होता है, लाइटें समय पर चालू और बंद होती है। फिर कहा कि 17 जनवरी को ठेकेदार बदल गया है। अब समाधान कर दिया जाएगा। समाधान कब होगा और कब तक व्यवस्थाएं सही चलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। बता दें कि यह पहली बार नहीं जब दिन में लाइटें जलती रहती हों। नोखा रोड़ हाइवे पर भीनासर पुलिस चौकी व बिजली विभाग तक लंबे समय तक दिन में रोड़ लाइटें जलती रहीं। ऐसे और भी इलाके हैं, जहां बिजली का अपव्यय लगातार किया जाता रहा है। संबंधित की लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। ये बिजली का अपव्यय करते हैं, फलस्वरूप आमजन मंहगाई के बोझ तले दबता है। अब देखना यह है कि दिन में जलती लाइटों को व्यवस्थित किया जाता है या बिजली का अपव्यय ऐसे ही जारी रहता है। बता दें कि ये सभी इलाके मंत्री बीडी कल्ला के गृह क्षेत्र के हैं।सवाल यह है कि जब मंत्री के इलाके को लेकर भी हमारा सिस्टम चौकन्ना नहीं है तो आम इलाकों में काम कैसे होगा?, देखें फोटो
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