22 August 2025 04:36 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। गंगाशहर क्षेत्र में लोगों को काटने व झपटने वाले उत्पाती बंदरों को आख़िरकार पकड़ लिया गया है। शुक्रवार सुबह दोनों बंदरों ने तेरापंथ भवन में चल रही धर्म सभा पर हमला कर दिया था। यहां इन बंदरों ने दो महिलाओं को काटा। इसके कुछ देर बाद में बंदर तेरापंथ भवन के सामने वाली गली में स्थित जयचंद लाल सुथार के घर पहुंचे। यहां छत पर स्थित कमरे में घुसे तो उनके पुत्र संजय सुथार ने खुद को बचाने के लिए कमरा बंद कर दिया। ख़बरमंडी न्यूज़ को सूचना दी गई। ख़बरमंडी न्यूज़ व बीजेपी जिलाध्यक्ष के संयुक्त प्रयासों के बाद प्रशासन व वन विभाग ने रेस्क्यू टीम भेजी। टीमों ने कमरे में बंद बंदरों को पकड़ लिया है।
प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना रवैया आया सामने: इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना रवैया उजागर किया। 10 दिनों से बंदर उत्पात मचा रहे थे, तीन दिनों से प्रशासन सहित वन विभाग के पास ख़बरें भी पहुंच रही थी, लेकिन किसी ने संज्ञान लेना भी जरूरी नहीं समझा।
शुक्रवार को जब बंदर कमरे में कैद कर लिए गए, तो वन विभाग से संपर्क साधा गया। वन विभाग ने सर्कुलर का हवाला देते हुए खुद को किनारे कर लिया। प्रशासन भी खुद को किनारे करता रहा। कलेक्टर ने भी खुद को किनारे रखा।
बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमन छाजेड़ ने मामले में नगर निगम कमिश्नर, सचिव, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर व वन विभाग आदि से लगातार बात कर दबाव बनाया। काफी दबाव बनाने पर मदद मिली। नगर निगम व वन विभाग ने रेस्क्यू टीमें भेजी। सवाल यह है कि आख़िर इतना दबाव क्यूं बनाना पड़ा?
-कलेक्टर है बंदरों के मामले में प्राधिकारी फिर क्यूं दिखाया यह रवैया: वन विभाग से मिले सर्कुलर से पता चला कि लाल मुंह वाले बंदरों व हनुमान बंदरों के मामले में कलेक्टर प्राधिकारी है। ऐसी समस्याओं के निस्तारण की जिम्मेदारी कलेक्टर की ही है। बंदरों के इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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