23 July 2021 08:28 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। आरएएस-2018 के परीक्षा परिणामों से जुड़ा विवाद तूल पकड़ता ही जा रहा है। बीजेपी इसे लेकर लगातार राज्य की अशोक गहलोत सरकार, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा व आरपीएससी को घेर रही है। बीकानेर से भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत भी इस मुद्दे पर लगातार मुखर दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को शेखावत ने एक प्रेस वार्ता भी आयोजित की। उन्होंने आरपीएससी की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। शेखावत का कहना है कि शिक्षा मंत्री डोटासरा ने अपने रिश्तेदारों को एक समान अंक दिलवाए, यह महज एक संयोग नहीं है। उन्होंने कहा कि आरपीएससी के कर्मचारी पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों द्वारा ट्रैप की कार्रवाई, आरपीएससी सदस्य पर उठ रहे सवाल, समाचार पत्र में आरपीएससी भर्ती से जुड़े दलाल की चैट उजागर होना पूरी भर्ती प्रक्रिया को संदेहास्पद बनाता है। आरोप है कि कांग्रेस राज में हमेशा ही आरपीएससी की साख पर बट्टा लगता आया है। शेखावत इंटरव्यू प्रक्रिया को समाप्त करने के पक्ष में भी दिखे। उन्होंने मीडिया के माध्यम से भारी सवाल उठाए हैं----शेखावत ने पूछा है कि..
1. क्या आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 में डोटासरा ने अपने रिश्तेदारों को साक्षात्कार प्रक्रिया में अवांछित लाभ पहुंचाकर अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया है ?
2. क्या उनके समधी जो क्रीमीलेयर श्रेणी में आते है उन्होंने फर्जी नॉन क्रीमीलेयर ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाकर वास्तविक पिछड़े ओबीसी अभ्यर्थियों के हकों पर कुठाराघात नहीं किया है ?
3. कलाम कोचिंग सेंटर सीकर से डोटासरा परिवार का क्या संबंध है ? राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद हुई सरकारी भर्तियों में अविश्वसनीय रूप से अत्यधिक चयन इस इंस्टीट्यूट से हुए है उससे यह सिद्ध होता है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती का रैकेट यहां से संचालित हो रहा है, क्या इसमें डोटासरा परिवार के किसी सदस्य की संलिप्तता नहीं है ?
4. क्या डोटासरा ने सीकर जिले के निवासियों और कलाम कोचिंग से पढ़़कर सरकारी सेवाओं में आए लोगों का नियम विरुद्ध स्थानांतरण नहीं किया है ? क्या शिक्षा विभाग में दो साल के प्रोबेशन के दौरान स्थानांतरण न होने के नियम के विरुद्ध तबादले नहीं किए हैं ?
5. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे देशभक्त संगठन के एक पदाधिकारी को जेल में डालने की बात डोटासरा किस हैसियत से कह रहे है ? क्या वे राज्य के गृहमंत्री , पुलिस चीफ या इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर हैं ? अगर नहीं तो उन्हें यह बात कहने का अधिकार किसने दिया है ?
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