17 March 2025 12:37 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मुक्ताप्रसाद थाना क्षेत्र निवासी मनीषा जाट हत्याकांड की गुत्थी आख़िरकार सुलझ गई है। एएसपी सौरभ तिवाड़ी के नेतृत्व में गठित पांच टीमों की कड़ी मेहनत से मनीषा को मौत के घाट उतारने के आरोपी लैला-मजनूं पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। आरोपियों की पहचान वार्ड नंबर 20, नयाबास गौशाला के पास, बीदासर, चुरू निवासी 40 वर्षीय गोपाल कुम्हार पुत्र आसुराम कुम्हार व झाड़ेली हाल जेबी कॉलोनी, मुक्ताप्रसाद थाना क्षेत्र, बीकानेर निवासी 32 वर्षीय सुमन पत्नी मुन्नीराम जाट के रूप में हुई है। एएसपी सौरभ तिवाड़ी के अनुसार दोनों आरोपियों के बीच अवैध संबंधों की वजह से मनीषा की हत्या की गई।
ये था घटनाक्रम: 7 मार्च की दोपहर बाद पुलिस को महिला का अधजला शव उसके घर पर ही मिलने की सूचना मिली थी। सूचना पर पुलिस मांगीलाल जाट के घर पहुंची। जहां महिला का अधजला शव मिला। मृतका की पहचान मांगीलाल की पत्नी मनीषा के रूप में हुई थी। मौके पर एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड टीम भी बुलाई गई।घटनास्थल का मौका मुआयना करने पर हत्या की आशंका हुई। पुलिस ने मांगीलाल की रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
आईजी ओमप्रकाश पासवान व एसपी कावेंद्र सिंह सागर ने एएसपी सौरभ तिवाड़ी के नेतृत्व में एस आई टी गठित की।
-चाय के कप और पैरों के निशान से हुआ हत्या का शक: पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तब वहां चाय का कप था। जबकि मृतका का पति मांगीलाल घर पर था ही नहीं। कदमों के निशान घर के पीछे की ओर जा रहे थे, इससे स्पष्ट हुआ कि कोई व्यक्ति पीछे के रास्ते से गया है। हत्या घर के अंदर हुई, चाय का कप भी मिला, इससे यह भी लगभग तय था कि हत्या किसी जान-पहचान के व्यक्ति ने अथवा पारिवारिक सदस्य ने की है।
-200 सौ सीसीटीवी व 800 लोगों से संपर्क : गठित पांच टीमों की मदद से करीब 200 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चैक किए गए। 300 लोगों से पूछताछ की गई, वहीं 500 लोगों से जानकारियां जुटाई गई। इस पूरी तहकीकात में रिकॉर्ड वाले अपराधियों, मृतका के पारिवारिक सदस्यों, जान पहचान के लोगों से लेकर फोन पर बात करने वाले सभी लोगों से पूछताछ की गई।
-घर के मरम्मत व कॉल डिटेल्स से पुलिस पहुंची कातिल तक: जांच के शुरुआती पांच छः दिनों तक पुलिस को दोनों आरोपियों पर शक ही नहीं हुआ। बाद में कॉल डिटेल्स के नये नंबर से शक की सुई घुमी। हत्या के दिन पहले से आरोपी गोपाल ने इस नये नंबर से सुमन से बातचीत की थी। जब इस नंबर की कुंडली खंगाली तो पता चला कि बीदासर निवासी गोपाल के नंबर है। पता चला कि यह एक कारीगर है, जिसने दो माह पूर्व मनीषा के घर की मरम्मत आदि का कार्य किया था। मनीषा अ मौत पर मोर्चरी के आगे लगे धरने में भी आरोपी शामिल हुआ था। पुलिस जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि आरोपी ने 8-10 माह पहले सुमन के घर भी मरम्मत आदि का कार्य किया था। पुलिस ने गोपाल की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली तो शक गहरा गया। पुलिस ने गोपाल व सुमन से पूछताछ की, पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया।
-जब खुली अवैध संबंधों की कहानी तो बननी शुरू हुई हत्या की योजना: दरअसल, फरवरी में मनीषा को सुमन और गोपाल के अवैध संबंधों के बारे में पता लग गया था। मनीषा ने दोनों को दूर रहने की हिदायत दी थी। कहा कि नहीं माने तो घर पर बता दूंगी। यहीं से सुमन व गोपाल के मन में खौफनाक अपराध का बीजारोपण हुआ। दोनों ने मनीषा को मौत के घाट उतारना तय किया। उसी समय गोपाल ने वेब सीरिज व क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल देखने शुरू कर दिए। इन नाटकों से हत्या के तरीके सीखे गए, फिर बनी हत्या की अंतिम योजना। इस समयावधि में आरोपी गोपाल ने सुमन के साथ मनीषा के घर जाकर रैकी की। सुमन ने मनीषा के घर के सदस्यों के बाहर आने जाने का समय सहित आसपास की स्थिति के बारे में बताया। मनीषा का पति मांगीलाल, सुमन का पति व मांगीलाल का बड़ा भाई मुन्नीराम तथा उसका छोटा भाई महेंद्र भुजिया के कारीगर हैं। वे तीनों बीकाजी की फैक्ट्री में भुजिया बनाते हैं। इस वजह से दिन में वह घर नहीं मिलते। आरोपी ने हत्या से दो दिन पहले भी मनीषा के घर की रैकी की थी।
-पतिव्रता धर्म व बहन-बहन के रिश्ते का भी कत्ल : आरोपिया सुमन ने केवल मनीषा की जेठानी है बल्कि उसकी चचेरी बहन भी है। दोनों एक ही घर में ब्याही थी। पुलिस के अनुसार सुमन का एक साल से आरोपी गोपाल से अवैध संबंध था। ऐसे में सुमन पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते का खून तो पहले ही कर दिया था। फरवरी में जब मनीषा को सुमन व गोपाल के अवैध संबंधों का पता चला तो वह अपनी ही बहन को मौत के घाट उतारने को तैयार हो गई।
7 मार्च को गोपाल बस में बैठकर बीदासर से बीकानेर पहुंचा। यहां वह किसी बहाने से मनीषा के घर पहुंचा। उसको विश्वास में लिया। कहा कि गली में किसी काम से आया था। यहां मनीषा ने उसे चाय भी पिलाई। उसके जब मनीषा घरेलू काम कर रही थी तभी पीछे से किसी भारी हथियार से उसके सिर पर मार दी। उसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसे जला दिया। खुद पीछे वाले रास्ते से निकल गया।
-पुलिस पूछताछ में हो सकते हैं और भी खुलासे: पुलिस ने सुमन व गोपाल को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस रिमांड पर दोनों से पूछताछ की जाएगी। पूछताछ में और भी खुलासे हो सकते हैं।
-त्योहार पर भी पुलिस लगी रही हत्या की गुत्थी सुलझाने में : मनीषा मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस जब तक सही एंगल पर पहुंची तब होली सिर पर आ चुकी थी। होली के त्योहार के बीच में भी पुलिस टीमें लगातार जांच में लगी थी।
-ये थी टीमें: एएसपी सौरभ तिवाड़ी के नेतृत्व में गठित एसआईटी में सीओ श्रवण दास संत, सीओ सुभाष गोदारा, थानाधिकारी धीरेन्द्र सिंह, नयाशहर थानाधिकारी विक्रम तिवारी, कोतवाली थानाधिकारी जसवीर कुमार, उनि रेणुबाला व एएसआई दीपक यादव थे।
वहीं जसवीर कुमार की आसूचना संकलन टीम में कांस्टेबल कैलाश विश्नोई, संजय व काशीराम, विक्रम तिवारी मय सीसीटीवी फुटेज टीम में हैड कांस्टेबल महावीर सिंह, हेतराम, कांस्टेबल छगनलाल व श्रीराम, रेणुबाला मय डोर टू डोर सर्वे टीम में एएसआई सुरेंद्र, बाबुलाल, हैड कांस्टेबल लाखाराम, हंसराज, कांस्टेबल हेम सिंह, मनोज व शिवराज तथा एएसआई दीपक यादव मय तकनीकी टीम में एएसआई दिलीप सिंह, कांस्टेबल श्रीराम व सूर्य प्रकाश शामिल थे।
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