27 October 2021 03:16 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। मांगों पर सहमति बनने के बाद नर्सिंग छात्रा आयुष जाट के शव आखिरकार पोस्टमार्टम हो गया है। 25 अक्टूबर की दोपहर को मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग हॉस्टल के कमरा नंबर सात में फांसी लगाने वाली छात्रा आयुष की मौत के बाद से मामला गरमा गया था। दूसरे दिन बीकानेर पहुंचने परिजनों ने आयुष की रूम मेट चुरू निवासी चंदा प्रजापत व कोटपुतली मोरदा निवासी नाहर सिंह रावत के खिलाफ आत्महत्या के मजबूर करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया। इधर नर्सिंग छात्र-छात्राएं गार्ड, वार्डन व मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को हटाने की मांग को लेकर अड़ गए। इस वजह से मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। आखिर आज तीसरे दिन एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया, पीबीएम अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही, सीओ पवन भदौरिया, कांग्रेस नेता बिशनाराम सियाग के साथ हुई वार्ता में दो मांगों को लेकर सहमति बनी। परमेंद्र सिरोही के अनुसार संविदा पर लगी दोनों महिला गार्ड को नौकरी से हटा दिया गया है। हॉस्टल वार्डन को कॉलेज से हटा दिया गया है। उसे अस्पताल में लगाया जाएगा। प्रिंसिपल को हटाने के अधिकार स्थानीय प्रशासन के पास नहीं है। मामले की जांच हेतु उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में प्रिंसिपल, एचओडी ज्यूरिस्ट, लिगल एडवाइजर व सीनियर डॉक्टर को शामिल किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर मामले को लेकर चौंकाने वाली बातें भी सामने आ रही है। आरोपी युवक नाहर सिंह का फोन बंद है। छात्रा चंदा को पुलिस ने डिटेन कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक आयुष ने नाहरसिंह के साथ वीडियो कॉल करते हुए फांसी लगाई थी। जिसके बाद नाहर सिंह ने चंदा को फोन किया। आयुष के फोन की कॉल हिस्ट्री भी डिलीट की बताते हैं। जेएनवीसी पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही घटना के पीछे का पूरा सच सामने आ पाएगा।
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