15 February 2021 12:44 PM
-रोशन बाफना
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे कुछ डॉक्टर तो जैसै मज़े करने की ही तनख्वाह लेते हैं। आज श्रीडूंगरगढ़ स्थित सीएचसी में कुछ यही हो रहा था। स्थानीय निवासी विष्णु अपनी 82 वर्षीय दादी मां को दिखाने सरकारी चिकित्सालय पहुंचा। दादी मां के पांव में तकलीफ है। लेकिन बीसीएमओ डॉ संतोष आर्य अपने कक्ष में नहीं थे। विष्णु के अनुसार 12 व 13 नंबर कक्ष खाली थे। फिर पता चला डॉक्टर साहब तो बाहर के मेडिकल स्टोर में बैठे चाय की चुस्की ले रहे हैं। उसकी दादी मां सहित अन्य बुजुर्ग भी घंटों इंतजार करते रहे। विष्णु कई बार डॉक्टर साहब के पास गया लेकिन वे वहीं अपना काम कर रहे थे। ड्यूटी समय में सरकारी चिकित्सालय में आए मरीजों को देखने की बजाय मेडिकल स्टोर में घंटों बैठे रहने में डॉक्टर साहब को क्या फायदा मिल रहा था यह स्पष्ट नहीं हुआ। आखिरकार डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टर आर्य ने मरीजों पर कृपा दृष्टि की और उन्हें देखा।
सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर आर्य ड्यूटी समय में इसी मेडिकल स्टोर पर बैठे रहते हैं। यहां बैठकर मरीज़ देखने का आरोप भी है। सवाल है कि जब पद पर बैठे डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी ना निभाए तो चिकित्सालय के अन्य डॉक्टर व कर्मचारियों को कौन कंट्रोल करेगा?
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