18 April 2021 12:10 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना की वजह से आर्थिक मार झेल रहे आमजन को अब पीबीएम में हो रही जांचों का दो गुना तक भुगतान करना होगा। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली कोरोना की आरटी पीसीआर जांच की दर घटाते हुए 350 रूपए कर दी है। वहीं राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी ने जांचों की दर बढ़ा दी है।
आदेशों के अनुसार करीब 6 तरह की जांचों व पंखा, कूलर व हीटर का किराया बढ़ाया गया है।
पंखा, कूलर व हीटर का किराया अब तक 10-10 रूपए लिया जा रहा था जिसे बढ़ाकर क्रमशः 20-50-50 कर दिया गया है।
वहीं फ्री टी-4, फ्री टी-3, विटामिन डी टोटल, फेरिटिन, विटामिन बी-12 व सीईए की जांच दल में अप्रत्याशित वृद्धि की गई है। ये जांचे क्रमशः 100, 100, 790, 150, 300 व 400 में होती थी जो अब 210, 230, 850, 430, 400 व 550 में होगी। ऐसे अधिकतम 2.30 गुना तक वृद्धि की गई है।
हालांकि सकारात्मक पक्ष यह है कि अब यहां चार नई तरह की जांचें भी शुरू हो गई है। अब मरीज़ यहां डी डिमर, एफडीपी, फिबरी व टी डीसीएस की जांच भी करा सकेंगे। जिनकी दर क्रमशः 800, 800, 350 व 200 रूपए लगेगी। बता दें कि पीबीएम में इनके अतिरिक्त अधिकतर जांचें मुफ्त में होती है।
सवाल यह है कि कोरोना काल में जब लोग बेरोजगारी व मंदी की मार झेल रहे हों, तब इस तरह से जांच दरों में वृद्धि करना क्या न्यायोचित है?
बता दें कि पीबीएम में जांचें करवाने वाले अधिकतर लोग गरीब तबके के लोग होते हैं। आर्थिक रूप से सक्षम लोग प्राइवेट लैबों में जांचें करवाते हैं। ऐसे में गरीबों पर यह नया बोझ क्यूं डाला जा रहा है। देखें आदेश


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