03 August 2020 09:05 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। दुनियाभर में अपनी उम्दा पहचान रखने वाले बीकानेरी पापड़ का अस्तित्व खतरे में है। दरअसल, भारत ने साजी के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। करीब दो साल से पाकिस्तान की साजी के आयात पर दो सौ प्रतिशत ड्यूटी लगती है। फिर भी बीकानेर ने पापड़ को जिंदा रखा हुआ था। लेकिन अब नई नीति के तहत भारत में साजी के पेड़ लगाकर उत्पादन करना तय किया गया है। वर्तमान में फलौदी, श्रीगंगानगर, जैसलमेर सहित कुछ इलाकों में इसकी खेती होती है। बीकानेर के पापड़ उद्योग में मजबूरीवश पांच-सात प्रतिशत खपत इस साजी की भी है। लेकिन इस साजी की गुणवत्ता का स्तर निम्न होने से एक माह में पापड़ खराब हो जाता है। वहीं पापड़ के स्वाद में भी बड़ा अंतर होता है। ऐसे में साजी के आयात पर प्रतिबंध से साजी व पापड़ के व्यापारियों में असंतोष पनप रहा है। हाल फिलहाल साजी किंग के पास पड़े स्टॉक से कुछ समय पापड़ का स्वाद जिंदा रहेगा। पापड़ व्यापारी मुंहमांगी रेट पर साजी खरीद रहे हैं। लेकिन इसकी भी वैलिडिटी अधिक नहीं। हालांकि सरकार का दावा है आगामी दो माह के अंदर साजी की खेती शुरू हो जाएगी। जानकारी के अनुसार इसकी खेती परिपक्व होने में लगभग 6 माह का समय लेती है। ऐसे में 7-8 माह बाद देशी साजी मिलने की उम्मीद तो है मगर जानकारों का कहना है अगर यह प्रतिबंध नहीं हटा तो बीकानेरी पापड़ ही नहीं बल्कि हज़ारों हजारों लोग तबाह हो जाएंगे। बता दें कि बीकानेर में करीब साढ़े पांच सौ से अधिक पापड़ के कारखाने हैं। वहीं सरदारशहर में भी करीब तीस से अधिक कारखाने हैं। मगर भारतीय साजी ना तो बीकानेरी पापड़ के नाम को जिंदा रख पाएगी और ना ही इन कारखानों को बचा पाएगी। वहीं दूसरी ओर मीठा सोढ़ा भारतीय साजी से बेहतर विकल्प भी बताया जा रहा है। लेकिन इसका उपयोग भी बीकानेरी पापड़ की गरिमा बचाने में सक्षम नहीं बताया जा रहा।
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