20 October 2020 10:50 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बिजली विभाग की अमानवीयता का बड़ा उदाहरण सामने आया है। विभाग की अमानवीयता इतनी बढ़ चुकी है कि विभाग की गलती की सजा एक बेकसूर को भुगतनी पड़ गई। परिणाम यह हुआ कि आज की रात रामनिवास सोनी के परिवार को अंधेरे में गुजारनी पड़ेगी। मामला श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर का है। जहां आज बिजली विभाग के जेईएन महेश कुमार ने रामनिवास सोनी के घर का कनेक्शन काट दिया। हालांकि उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने बिजली कनेक्शन काटने पर आज ही रोक लगाई थी। लेकिन जैसे ही विभाग को आयोग के आदेश की जानकारी करवाई गई, ठीक आधे घंटे बाद ही रामनिवास के घर का कनेक्शन काट दिया गया। बता दें कि मामला 6 लाख से अधिक के बिजली बिल से जुड़ा है। दरअसल, रामनिवास के घर का दो माह का बिजली बिल विभाग ने 6 लाख 14 हजार 326 रूपए बनाकर भेजा। बिल देखकर रामनिवास के पैरों तले की ज़मीन खिसक गई। जिस घर का दो माह का बिजली बिल वर्षों से 100-150 यूनिट आता रहा। जिस घर में कूलर, फ्रिज व टीवी से भारी कोई बिजली उपकरण ही नहीं है, उस घर को लाखों का बिल देकर विभाग ने बड़ा संकट पैदा कर दिया।
इस पर रामनिवास ने इसे विभाग की मानवीय भूल मानते हुए बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा व प्रार्थना पत्र देकर बिल सुधार का निवेदन किया। लेकिन बिजली विभाग ने संवेदनहीनता की हदें पार करते हुए बिल भरवाने का तुगलकी फरमान सुना दिया। अगले ही दिन विभाग कनेक्शन काटने पीड़ित के घर पहुंच गया। पीड़ित ने पैर पकड़कर जैसे तैसे चार दिन की मोहलत प्राप्त की। इसके बाद पीड़ित ने अधिवक्ता अनिल सोनी से संपर्क साधा। जिस पर सोनी ने विभाग को लिगल नोटिस जारी कर जवाब मांगा। लेकिन इतने दिन बीत जाने पर भी जेईएन ने जवाब नहीं दिया। पीड़ित ने 19 अक्टूबर को उपभोक्ता आयोग में दावा लगाया। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आज कनेक्शन काटने पर रोक लगाते हुए पीड़ित को पूर्व के बिल के आधार पर भुगतान करने का आदेश दिया। इस बीच दिनभर विभाग व सोनी के बीच बातचीत चलती रही। बावजूद इसके जेईएन ने एक ना सुनी और कनेक्शन काट दिया।
उल्लेखनीय है कि एडवोकेट अनिल सोनी ने एक ही दिन में पीड़ित को स्थगन आदेश दिलवा दिया।
अब अधीक्षण अभियंता ने जेईएन को आदेश दिए हैं कि बुधवार को पुनः विद्युत संबंध जारी कर दिया जाए।
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