10 November 2021 01:30 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। अव्यवस्थाओं का गढ़ कहलाने वाले पीबीएम में लंबे समय से जमे ठेकेदार खुद को महाराजा समझने लगे हैं। इनके तानाशाही रवैये से आमजन से लेकर वार्डों के रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व कंसल्टेंट तक परेशान है। मामला पीबीएम में ईसीजी, टीएमटी व ईको जांच के ठेकेदार महाराजा सिटी स्कैन से जुड़ा है। महाराजा के खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है। आरोप है कि महाराजा का स्टाफ एक समय में 1-2 वार्डों में ही मौजूद रहता है। जबकि नियमानुसार हर वार्ड में एक स्टाफ मौजूद रहना चाहिए। वहीं महाराजा ने अयोग्य स्टाफ लगा रखे हैं। बताया जा रहा है कि अधिकतर स्टाफ क्वालिफाइड नहीं है, जो कि टेंडर की शर्तों के अनुरूप नहीं है। बता दें कि पीबीएम के हर वार्ड में ईसीजी की आवश्यकता 24 घंटे रहती है। ईसीजी इलाज से लेकर मृत्यु की घोषणा तक में महत्वपूर्ण है। ऐसे में हर रोज सैकड़ों मरीज़ वार्ड में मौजूद रेजीडेन्ट डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मचारियों व विभागाध्यक्षों को कोसते हैं।
सूत्रों की मानें तो महाराजा के मालिक ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर दस साल के लिए टेंडर प्राप्त कर रखा है। उसे 2012-13 में टेंडर मिला था, जो कि 2022 अगस्त तक चलेगा। सवाल यह है कि किसी एक पार्टी को लंबे समय के लिए टेंडर किस वजह से दिया गया। लंबे समय तक टेंडर ठेकेदार की तानाशाही को भी बढ़ाता है। उल्लेखनीय है कि पीबीएम में इन दिनों एक ही पार्टी को कई सारे ठेके भी दिए गए हैं, ऐसे ठेकेदार भी पीबीएम पर हावी हो रहे हैं।
RELATED ARTICLES
29 October 2025 04:04 PM
22 March 2020 05:43 PM
