11 December 2021 10:33 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (रोशन बाफना) गंगाशहर की शिववैली स्थित अमेजन डिलीवरी ऑफिस में 7 लाख 80 हजार रूपए की डकैती का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। गंगाशहर में डकैती की इस सबसे बड़ी वारदात के छठे दिन पुलिस ने पर्दाफाश किया है। हालांकि वारदात के 48 घंटों में सभी बदमाशों को दबोच लिया गया था। डाका डालने वाले बदमाशों की पहचान जसरासर निवासी अशोक तर्ड पुत्र श्रवण, जसरासर निवासी हेतराम पुत्र मांगीलाल तर्ड, लालमदेसर छोटा निवासी मदन लाल पुत्र ओमप्रकाश जाट, सूड़सर शेरूणा हाल नत्थूसर गेट निवासी पवन कुमार पुत्र लालूराम जाट, जसरासर हाल चौधरी कॉलोनी निवासी बजरंग पुत्र रेवंतराम तर्ड व चौधरी कॉलोनी निवासी विधि से संघर्षरत बालक के रूप में हुई है। आरोपियों से अब तक एक लाख दस हजार रुपए की बरामदगी हुई है। वहीं शेष राशि व वारदात में प्रयुक्त वाहन बरामद करने बाकी है।
ये था मामला:- 5 दिसंबर की रात आठ बजे शिववैली स्थित अमेजन के डिलीवरी ऑफिस में पांच बदमाश घुस आए। बदमाशों ने नकाब पहन रखे थे, हाथों में डंडे थे। ऑफिस में घुसते ही बदमाशों ने मौजूद तीनों कर्मचारियों पर हमला बोल दिया। सबसे पहले तीनों राजकुमार, नारायण व रतनपुरी की आंखों में मिर्ची डाली। बाद में लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। चार बदमाश लाठियां भांज रहे थी, इसी दौरान पांचवां बदमाश कैश काउंटर पे पैसे ले रहा था। देखते ही देखते बदमाश सात लाख अस्सी हज़ार रूपए की डकैती कर भाग छूटे।
पुलिस पहुंची मौके पर, जांच हुई शुरू:- वारदात के तुरंत बाद गंगाशहर पुलिस मौके पर पहुंच गई। बीस मिनट में ही सीओ सदर पवन भदौरिया व गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण पहुंचे। मौके पर सदर, जेएनवीसी, बीछवाल थानाधिकारियों सहित डीएसटी, डॉग स्क्वायड व अन्य तकनीकी टीमें पहुंची। घायल राजकुमार को अस्पताल पहुंचाया गया। पूछताछ शुरू की गई। ऑफिस व आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। ऑफिस के सीसीटीवी में भय पैदा करने वाली डकैती की वारदात कैद हो चुकी थी। आरोपियों ने मुंह पर गमछा बांध रखा था। हाथों में लाठियां थीं। एसपी योगेश यादव ने तुरंत टीमें गठित की। चारों तरफ नाकाबंदी करवाई गई। मामले की जांच शुरू कर दी गई।
12 घंटे में मिली पहली सफलता, राणीदान ने रखी आधारशिला: गंगाशहर की सबसे बड़ी डकैती को ट्रेस करने में पहली भूमिका गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण की रही। राणीदान चारण ने वारदात स्थल पर पहुंचने के बाद आसपास पूछताछ शुरू की। सीसीटीवी में बदमाशों के पास डंडे दिखे थे। उन्होंने डंडे की दुकान में पूछताछ की तो पता चला कि दो युवकों आज ही उसकी दुकान से डंडे खरीदे थे। इसके अलावा गमछा, टोपी व कपड़े भी खरीदे थे। डंडे की दुकान से पता चला कि दो में से एक बालक चौधरी कॉलोनी का रहने वाला है, लेकिन वह ऐसी वारदात नहीं कर सकता। चारण ने चौधरी कॉलोनी के बालक के घर पूछताछ की। बालक गायब था, लेकिन आपराधिक रिकॉर्ड ना होने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई। बालक के नाम मिलने पर पहली लीड मिली।
पहली लीड के बाद दीपक यादव के दिमाग ने साफ किया गंतव्य पर पहुंचने का रास्ता:- राणीदान से मिली पहली लीड के बाद साईबर सैल के हैड कांस्टेबल दीपक यादव के दिमाग की मैराथन शुरू हुई। यादव ने बालक के आधार पर तकनीकी जांच करते हुए शिववैली की लोकेशन मैच की। शिववैली में वारदात के वक्त मौजूद तकनीकी स्थितियों का अवलोकन किया। यहीं से सारा खाका तैयार होने लगा। फिर सीओ पवन भदौरिया, थानाधिकारी राणीदान उज्जवल व थानाधिकारी बीछवाल मनोज शर्मा व दीपक यादव ने मिलकर सूचनाएं जुटाई। पता चला कि आरोपी जोधपुर में हैं। फील्ड टीम व मुखबिर की सूचना से पता चला कि बदमाश पूर्व में गुजरात, मध्यप्रदेश व हैदराबाद में कई दिनों तक रह चुके हैं। सूचना मिली कि वारदात के बाद बदमाश वहीं गये हैं।
इस राणीदान व दीपक ने जोधपुर से रायपुर, मध्यप्रदेश, जोधपुर से अहमदाबाद व जोधपुर से हैदराबाद तेलंगाना का गूगल मैप की सहायता से रूट मैप तैयार किया। रूट मैप में इन रास्तों के बीच से निकलने वाले सभी रास्तों को भी उल्लेखित किया गया। पता चला कि इन पूरे रूप मैप में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात व तेलंगाना पुलिस के 25 पुलिस थाने व चौकियां लगती है। इस सूची में नीमच, मंदसोर, रतलाम, बदनावर, पीथमपुरा, खंडवा, परतवारा, अमरावती, नागपुर, राजनदा गांव, रायपुर, अहमदाबाद, पालनपुर, शिरपुर, धुले, माले गांव, नासिक, औरंगाबाद, बीड, वासी, तुलजीपुर, नवदुर्ग, उस्मानाबाद व हैदराबाद शामिल थे। एसपी योगेश यादव व एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया को इस बारे में जानकारी दी गई। जिस पर एसपी ने वहां के उच्चाधिकारियों को समन्वय स्थापित कर अपराधियों को पकड़वाने में सहयोग के निर्देश दिए। गंगाशहर थाने के सब इंस्पेक्टर राकेश स्वामी मय टीम को उस्मानाबाद रवाना किया गया। वहीं एक टीम को अहमदाबाद भेजा गया। पुलिस ने उस्मानाबाद से मदनलाल, हेतराम व अशोक तर्ड को गिरफ्तार किया। वहीं अहमदाबाद से बजरंग को दबोचा गया। नाबालिग फरार होकर सिंजगुरू चला गया था, लेकिन दबाव बनने पर घर लौटा, जहां से पुलिस ने उसे दस्तयाब कर लिया। वहीं अमेजन डिलीवरी ऑफिस के कर्मचारी पवन को नत्थूसर गेट क्षेत्र उसके निवास से गिरफ्तार कर लिया गया।
डकैती की प्लानिंग से रफूचक्कर होने का खेल:- जसरासर निवासी अशोक तर्ड इस डकैती का मास्टरमाइंड था। उसने अपने साथियों के साथ बीकानेर के कम भीड़ वाले स्थानों पर स्थित ऑफिसों में काम करने वाले स्टाफ व रूपयों की जानकारी जुटाई थी। उसने अमेजन के डिलीवरी ऑफिस में डाका डालना तय किया। अशोक के खिलाफ पहले भी नोखा व जसरासर में एटीएम तोड़कर चोरी के प्रयास के मुकदमें दर्ज हैं। अशोक ने अमेजन डिलीवरी ऑफिस में डिलीवरी मैन का कार्य करने वाले पवन को सारी जानकारी जुटाने को कहा। सूड़सर मूल का पवन नत्थूसर गेट क्षेत्र में किराए के मकान में रहता है। पवन से जानकारी मिली कि रविवार को स्टाफ कम रहता है। बदमाशों ने ऑफिस से लेकर भागने के लिए चुनी गई तंग गलियों की रैकी की। यहां तक कि बीकानेर से बाहर कब और कैसे भागना है, यह भी तय किया। वारदात के वक्त डंडे मारना भी प्लानिंग का हिस्सा था। आरोपी डंडे मारकर भय पैदा करना चाहते थे। ताकि कोई पीछा ना करे। लगातार रैकी की, कई बार प्लानिंग फेल भी हुई। रविवार के दिन ऑफिस में कम व्यक्ति थे, इसीलिए उस दिन वारदात करना तय किया। बदमाशों ने वारदात से पहले मुंह ढ़कने के गमछे, मारपीट के लिए लाठियां सहित कपड़े तक नये खरीदे। रात आठ बजे वारदात को अंजाम दिया और तंग गलियों से फरार हो गए। यहां से निकलने के बाद सभी जसरासर गए। जहां मोटरसाइकिलें खड़ी की तथा हेतराम की बोलरो में बीकानेर से बाहर निकल गए। वहीं नाबालिग सिंजगुरू चला गया था। डिलीवरी मैन पवन अपनी मस्ती में घर पर था। उसे लगा था कि उस पर तो किसी को शक ही नहीं होगा।
ये हैं सफल टीम के सदस्य:- एसपी योगेश यादव, एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया के निर्देशन व सीओ पवन भदौरिया के डायरेक्ट सुपरविजन में काम करने वाली टीम में गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान उज्जवल, बीछवाल थानाधिकारी मनोज शर्मा, डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणियां, जसरासर थानाधिकारी देवीलाल सहारण, सब इंस्पेक्टर राकेश स्वामी, एएसआई जगदीश कुमार, एएसआई ईश्वर सिंह, हैड कांस्टेबल दीपक यादव, कानदान सांदू, कांस्टेबल प्रीतम, सुभाष, राजाराम मंडा, राजाराम, रामकुमार भादू, बलवान, रामावतार, दिलीप सिंह, वासुदेव, सवाई सिंह, योगेंद्र व पूनमचंद शामिल थे।
ये रहे टीम के हीरो:- थानाधिकारी राणीदान उज्जवल, एएसआई ईश्वर सिंह, हैड कांस्टेबल साईबर सैल दीपक कुमार यादव, राजाराम मंडा, प्रीतम व रामकुमार भादू।
उल्लेखनीय है कि गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण रीट नकल प्रकरण में सबसे पहले कार्रवाई कर परीक्षा से पहले गैंग का भंडा फोड़ किया था। इस कार्रवाई में साईबर सैल के दीपक यादव व डीएसटी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उज्जवल के नाम वारदातों का जल्द खुलासा करने का रिकॉर्ड भी है।
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