15 April 2022 01:04 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) नशे के प्रचलित विकल्प के तौर पर काम आने वाला कोडीन सिरप अब शहर के युवाओं को तबाह कर रहा है। इसका नशा करने वालों को यह अंदाजा ही नहीं कि कोडीन कितना ख़तरनाक नशा है। हालात यह है कि कुछ बड़े गैंग इस सिरप की खुल्लमखुल्ला तस्करी कर रहे हैं। परकोटे के भीतर नत्थूसर गेट, बारहगुवाड़़ चौक, मोहता चौक के पास, आचार्य चौक, बड़ा बाजार, चाय पट्टी, हरोलाई हनुमान मंदिर के पास, जनता प्याऊ, नाथ जी का धोरा, भुजिया बाजार, मुक्ताप्रसाद, मुरलीधर, हरिजन बस्ती, भाटों का बास, विश्नोई मौहल्ला सहित नयाशहर व कोतवाली थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तस्कर सक्रिय हैं। पुख्ता सूत्रों की मानें तो करीब 40-50 युवकों का गैंग इस सिरप की सप्लाई का काम करता है। अधिकतर सप्लायर खुद भी नशेड़ी हैं। खरीददारों को तस्करों की जानकारी रहती है व तस्करों को खरीददारों की जानकारी रहती है।
क्या है कोडीन:-- अफीम से 'कोडीन' बनाया जाता है। यह सॉल्ट कफ सिरप में प्रयोग होता है। एक शीशी कफ सिरप में तीन प्रतिशत कोडीन होता है। कोडीन नशे के विकल्प के तौर पर वर्षों से लिया जाता रहा है। कोडीन का सबसे प्रचलित विकल्प कोरेक्स नाम का कफ सिरप रहा है। आजकल न्यूरेक्स नाम का कफ सिरप नशेड़ियों के लिए विकल्प बना हुआ है। इसके अतिरिक्त भी बहुत सारे ब्रांड उपलब्ध हैं।
कोडीन से बर्बाद हो जाती है जिंदगी: कोडीन वाले सिरप का उपयोग जब तक खांसी की दवा के रूप में होता है तब तक ठीक है। जब यही सिरप नशे के तौर पर लिया जाने लगता है तब जिंदगी बर्बादी की ओर मुड़ जाती है। शुरुआती तौर पर युवा इसकी एक बोतल तक पीते हैं। कॉल्ड ड्रिंक में मिलाकर पर्पल ड्रिंक के रूप में भी पीते हैं। बदबू ना होने की वजह से लेना भी आसान लगता है। युवाओं को यह अंदाजा ही नहीं होता कि कोडीन वाला सिरप उन्हें बर्बाद कर देगा। धीरे धीरे बोतल की संख्या बढ़ती जाती है। पीबीएम अस्पताल के नशा मुक्ति विभाग के विशेषज्ञ डॉ हरफूल सिंह के अनुसार उनके पास ऐसे मरीज भी आते हैं जिन्हें एक दिन में 10-12 बोतल सिरप लेना पड़ता है।
कोडीन सिरप के साइड इफेक्ट्स:- कोडीन वाले सिरप का नशा शरीर का सत्यानाश कर देता है। विशेषज्ञ डॉक्टर हरफूल सिंह के अनुसार कोडीन युक्त कफ सिरप का नशा जानलेवा भी साबित हो सकता है। सामान्यतः कब्ज, पेशाब में रुकावट, आंखों का धुंधलापन, आंतों में रुकावट, सुस्ती, काम में मन ना लगना, खुजली की समस्या होने लगती है। इसका सबसे ख़तरनाक साइड इफेक्ट यह है कि नशेड़ी की मांसपेशियां ही कमजोर होने लगती है। वहीं लंबे समय के सेवन से हार्ट व लीवर पर बुरा असर पड़ता है। संपूर्ण नर्वस सिस्टम पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। याद्दाश्त खत्म होने लगती है।
-डॉक्टरी रुक्का जरूरी मगर धड़ल्ले से हो रही अवैध बिक्री:-- कोडीन सॉल्ट वाला कोई भी कफ सिरप केवल डॉक्टर के रुक्के पर ही बेचा जा सकता है। लेकिन कई मेडिकल स्टोर कोडीन वाले सिरप अवैध रूप से भी बेच रहे हैं। वहीं बड़ी बिक्री तस्करों द्वारा की जा रही है। इन तस्करों के पास ना लाइसेंस है ना ही मेडिकल स्टोर है। बाईकों में घूम घूमकर कोडीन सिरप सप्लाई किया जाता है। इन तस्करों में परकोटे के भीतरी शहर के युवा भी शामिल है।
-ब्लैक की रेट पर लेते लेते जीवन में छा जाता है अंधेरा:-- न्यूरेक्स सिरप की एम आर पी 160 रूपए है। मगर तस्कर इसे ब्लैक रेट पर बेचते हैं। बाजार में एक शीशी 250-300 रूपए में भी बिक रही है। एक एक नशेड़ी दिनभर में कम से कम तीन शीशी पी लेता है। इस बड़े खर्चे को निकालने के लिए नशे के साथ कोडीन सिरप की तस्करी का रास्ता भी अपनाना पड़ता है। वहीं बहुत सारे नशेड़ी मजबूरी में जुआ सट्टा, ब्याज का धंधा, तस्करी जैसे गलत काम करने लग जाते हैं।
कौन कर सकता है कार्रवाई:-- अगर कोडीन युक्त सिर्फ मेडिकल स्टोर बिना रुक्के के बेचता है तो उस पर ड्रग इंस्पेक्टर कार्रवाई करता है। वहीं रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर से बाहर किसी भी तरह से बिक्री करना एनडीपीएस एक्ट के तहत आने वाला गैर जमानती अपराध है। इस पर कार्रवाई पुलिस करती है।
अगर आपको भी किसी तरह के नशे से जुड़ी कोई जानकारी है तो ख़बरमंडी न्यूज़ के इन नंबरों(9549987499) पर सूचना दें।
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