22 November 2021 09:05 PM

	
				  
				      	 
			     
	
				  
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। लगता है अव्यवस्थाओं के गढ़ के रूप में पहचान बना चुके पीबीएम को कुछ अधिकारी सुधरने ही नहीं देना चाहते! ना ही पीबीएम की प्रतिष्ठा का ख्याल रखा जा रहा है। पिछले दिनों नर्स वर्सेज कंट्रोल रूम प्रभारी राजेश दिनकर विवाद में मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल के आदेश पर नर्सिंग अधीक्षक ने चौंकाने वाला आदेश दिया है। इस आदेश ने जहां पीबीएम के सुधार को समर्पित पीबीएम अधीक्षक डॉ परमेंद्र सिरोही को हतोत्साहित किया है, वहीं प्रिंसिपल पर भी सवाल खड़े कर दिए है। दरअसल, माह के दूसरे सप्ताह में एक नर्स ने कंट्रोल रूम प्रभारी राजेश दिनकर पर गंभीर आरोप लगाए। पुलिस ने दिनकर को 151 में गिरफ्तार किया। पीबीएम व सदर थाने में हुए हंगामे के वीडियो भी वायरल हुए।
पीबीएम अधीक्षक के आदेश पर नर्सिंग अधीक्षक ने दिनकर को पीबीएम से हटा दिया। उन्हें सैटेलाइट अस्पताल लगाया गया। चौंकाने वाली बात यह हुई कि दिनकर ने सैटेलाइट में ज्वाइनिंग नहीं ली। उल्टा नर्सिंग अधीक्षक ने दिनकर को छुट्टी पर भेज दिया, जबकि पीबीएम अधीक्षक ने डेंगू को देखते हुए छुट्टियों पर प्रतिबंध लगा रखा था।
इसके बाद गठित जांच कमेटी ने पीड़िता को बयान के लिए नोटिस दिया। पीड़िता ने नोटिस यह कहते हुए फाड़ दिया कि उसे कमेटी पर यकीन ही नहीं है। बाद में दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ!
लेकिन सवाल तब खड़े हुए जब दिनकर को पुनः पीबीएम मर्दाना चिकित्सालय में लगा दिया गया। प्रिंसिपल का कहना है कि दिनकर को पन्द्रह दिनों के लिए लगाया गया है। अगर इस समय में दिनकर ने कोई गड़बड़ी की तो फिर से हटा दिया जाएगा, अन्यथा वो वहीं कार्यरत रहेंगे। प्रिंसिपल का कहना है कि उनकी इससे पहले कोई शिकायत कभी नहीं मिली। प्रिंसिपल के इस आदेश ने पीबीएम में खलबली मचा दी है। दूसरी तरफ दिनकर ने सीना चौड़ा कर पीबीएम में एंट्री की। बता दें कि लंबे समय से पीबीएम के कंट्रोल रूम में अड्डेबाजी की बातें भी सामने आ रही थी। सवाल यह है कि प्रिंसिपल की ऐसी क्या मजबूरी हो गई जो दिनकर को पुनः पीबीएम मर्दाना अस्पताल में ही लगाना पड़ा।
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