04 September 2021 11:30 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। गंगाशहर रोड़ स्थित अग्रवाल भवन के पांच ट्रस्टियों सहित यूआईटी व तहसील ऑफिस के तत्कालीन कार्मिकों व ग्राम किसमीदेसर के तत्कालीन पटवारी के खिलाफ धोखाधड़ी व घपले का मुकदमा दर्ज हुआ है। मामला गंगाशहर रोड़, रेल दादा बाड़ी के समीप स्थित उस जमीन से जुड़ा हैं जहां अग्रवाल भवन बना है। गोपेश्वर बस्ती निवासी जेठाराम सुथार पुत्र अमराराम ने अग्रवाल भवन के विजय कुमार पुत्र चंपालाल अग्रवाल, नंद किशोर पुत्र जुगल किशोर अग्रवाल, छगनलाल पुत्र हुक्म चन्द नाई निवासी खतेश्वर बस्ती बीकानेर, झूमरमल अग्रवाल, सुरेश पुत्र मंगलचंद अग्रवाल सहित यूआईटी, तहसीलदार कार्मिकों व तत्कालीन पटवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवादी के अनुसार उसने ग्राम किस्मी देसर के खसरा नंबर 221 की जमीन 2007 में जेठाराम माली पुत्र लाभूराम व बाबुलाल पुत्र लाभूराम माली से खरीदी थी। विभिन्न सरकारी रेवेन्यू रिकॉर्ड में भी परिवादी जेठाराम सुथार के नाम जमीन दर्ज है। वे वहां परिवार सहित रहने भी लगे थे। जमीन पर पीतर जी व भोमिया जी का थान बनाया हुआ था। चार खेजड़ी व एक पीपल का पेड़ भी लगाया हुआ था। बाद में परिवादी उक्त भूमि को गैर कृषि में कन्वर्ट करवाना चाहता था। जिसकी प्रक्रिया उसने शुरू की। इस बीच अग्रवाल भवन के आरोपी ट्रस्टी ने जमीन उन्हें बेचने का प्रस्ताव रखा। परिवादी द्वारा मना करने पर आरोपी ने हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए। धमकियां दी गई। परिवादी ने यूआईटी में भी कन्वर्जन हेतु आवेदन किया। 2015 में यूआईटी ने परिवादी से कन्वर्जन के शुल्क के रूप में 23500 रूपए का चैक प्राप्त किया, जो कि यूआईटी के खाते में क्रेडिट भी हुआ। इसके बाद आरोपियों द्वारा खातेदार परिवादी को पुलिस से मिलीभगत कर जमीन से बेदखल कर दिया गया। गुंडागर्दी दिखाते हुए खेजड़ी व पीपल के पेड़ काटकर जमीन समतल कर दी गई।
मामले में तत्कालीन कई अफसरों व कार्मिकों की मिलीभगत बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि परिवादी के पास जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज है जो रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज है। गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 447, 467, 468 व 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। मामले की जांच सब इंस्पेक्टर राकेश स्वामी को दी गई है। परिवादी के अधिवक्ता अनिल सोनी ने बताया कि परिवादी अपने हक के लिए लंबे समय से पुलिस थाने व सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है। मगर रसूखदार आरोपी पक्ष पहले ही मामला सेट करवा देता है। गंगाशहर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर न्याय की उम्मीद जगाई है। अब देखना यह है कि पीड़ित के खून पसीने की कमाई से खरीद की गई जमीन के हक की इस लड़ाई में कानून की तलवार किस ओर चलती है।
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