27 July 2020 09:32 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। ठगी का नाजायज धंधा इन दिनों ऊंचाइयां छू रहा है। इसकी मुख्य वजह है आमजन का लालच। बीकानेर की सदर पुलिस ने ऐसे ही दो ठग पकड़ें हैं जो चांदी के पैसों में सोना पाने की चाह रखने वालों को अपने जाल में फंसाते हैं और लाखों की चपत लगा देते हैं। दरअसल, नोहर का भालसिंह 26 जून को बीकानेर के कैंसर अस्पताल आया था। इस दौरान पीबीएम में अपना शिकार तलाश रहे रानी बाज़ार इंड्स्ट्रियल एरिया की एक नंबर रोड़ निवासी 40 वर्षीय प्रेमराज पुत्र कन्हैयालाल बागड़ी व उसके भांजे 26 वर्षीय दिनेश पुत्र जेठाराम बागड़ी से पीड़ित की पहचान हुई। आरोपियों ने भालसिंह को पांच लाख रूपए में एक किलो सोना देने का लालच दिया। करीब साठ लाख का सोना पांच लाख में मिलता देख थोड़ी माल-मोलाई के बाद साढ़े चार लाख में सौदा तय हो गया। यह सोना चेन के रूप में था। शातिर ठगोरों ने भालसिंह को सौदा करते वक्त नकली सोने में दिखावे के लिए रखा गया असली टुकड़ा दिया, जिसके बाद भिलसिंह लालच में फंस गया। लेकिन जब बाद में सोने की जांच करवाई गई तो वह नकली निकला। तब पीड़ित ने सदर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी प्रहलाद सिंह कृष्णियां व एएसपी पवन कुमार मीणा के निर्देशों पर टीम गठित की गई। वृताधिकारी पवन कुमार भदौरिया व थानाधिकारी महावीर प्रसाद विश्नोई के नेतृत्व में पीबीएम चौकी प्रभारी जगदीश पाण्डर मय टीम ने तहकीकात शुरू की। उनि जगदीश की टीम के सदस्य हैडकानि साहबराम डूडी, हैडकानि लक्ष्मण नेहरा, महिला कानि कौशल्या व अनिता ने निगरानी रखकर आसूचना संकलित की। पूरी तहकीकात में संदिग्धों के नाम सामने आने पर दोनों को राउंड अप कर पूछताछ की गई। जिसमें आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया। थानाधिकारी महावीर प्रसाद ने बताया कि दोनों आरोपी मजदूरी का कार्य करते हैं। वहीं नकली सोने को असली बताकर बेचते समय खुदाई में सोना मिलने की बात कहते हैं। आरोपी बाजार में बेचने की अक्षमता बताते हुए रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप व अस्पताल आदि जगहों पर अपने शिकार की तलाश करते हैं। आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। इसके बाद गहन पूछताछ कर अन्य वारदातों का खुलासा करने के प्रयास किए जाएंगे। महावीर प्रसाद के अनुसार आरोपी इमीटेशन ज्वैलरी में आने वाले चेन आदि असली सोना बताकर बेचते हैं। अनुमान है कि यह दोनों मामा भांजा लंबे समय से ठगी का काम कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह स्वयं को बागड़ी बताते हैं ताकि बणिया समझकर लोग यकीन करें। जबकि यह जालौर साइड के बागड़िया है। जिन्हें चौकीदार बागड़िया भी कहा जाता है।
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