20 April 2020 06:36 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर में फसल कटाई करने वाले हज़ारों मजदूर प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। मामला जैसलमेर से फसल कटाई कर श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, हरियाणा व पंजाब की ओर लौट रहे हज़ारों मजदूरों से जुड़ा है। दंतौर, बज्जू व पूगल थाने की जैसलमेर लगती सीमाओं पर हर रोज़ सैकड़ों मजदूर पैदल आ रहे हैं। यह सभी इंदिरा गांधी नहर के किनारे किनारे पगडंडी व खेतों से बीकानेर के इन क्षेत्रों से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि फसल कटाई का यह समय इनके छ: माह से साल भर तक के दाने-पानी का जुगाड़ करता है। यह इतने दिनों तक जैसलमेर में फसल कटाई कर रहे थे। अब इनको आगे मजदूरी करने जाना है। लेकिन यहां इनको रोककर कैंपों में ठूंसा जा रहा है। वहीं पुलिस भी परेशान है। यहां कहीं तीन कहीं चार कैंप है। एक कैंप में सौ से तीन सौ तक मजदूरों को ठूंसा जा रहा है। पुलिस का मानना है कि यहां इनको ठूंसने का कोई औचित्य नहीं। यहां इनकी स्क्रींनिंग की व्यवस्था नहीं है, वहीं पहचान पत्र बाहरी राज्यों के होने की वजह से सरकारी राशन किट उपलब्ध करवाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में रोज गांव से राशन का जुगाड़ करना पड़ता है। वहीं पुलिस का मानना है कि जैसलमेर में यह सभी भरी धूप में खेतों में काम कर रहे थे, वहां यह बाहर नहीं जाते थे। ऐसे में एक तरह के आइसोलेशन से आए इन मजदूरों को यहां रोकना उचित नहीं। वहीं प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। इन मजदूरों को यहां रोकने बेरोजगार करने की बजाय बसों की व्यवस्था कर इनको आगे भिजवाना सही विकल्प माना जा रहा है।
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