17 October 2025 06:47 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (शांति ओझा की रिपोर्ट) पिछले कुछ वर्षों में त्योहार मनाने को लेकर मतभेद बढ़े हैं। किसी भी त्योहार में एकता नहीं रही। होली हो या दीपावली या फिर कोई भी अन्य त्योहार, एकरूपता में कमी आई है।
इस दोहरेपन की वजह से आमजन बहुत परेशान रहता है। इस बार भी दीपावली मनाने को लेकर लोग असमंजस में है। देशभर के पंडितों में भारी मतभेद है। यही हाल बीकानेर का है। बीकानेर में भी पंडित दो-राय हैं। पंडितों की दो-राय से त्योहार का मज़ा किरकिरा हो रहा है। भारत में एकसाथ मिलकर त्योहार मनाने की परंपरा रही है। लेकिन तिथि के मतभेद ने हमारी समृद्ध परंपरा को विभक्त कर दिया है।
परकोटे के शहर में तो दीपावली मनाने की तारीख को लेकर माहौल बहुत ज्यादा गर्म है। हालांकि त्योहार तो एक साथ मनाना ही अच्छा होता है।
बता दें कि अधिकतर लोग 18 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे। 19 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। लेकिन दीपावली को लेकर दोनों मतों के पक्षधरों में भारी खींचतान है।
प्रसिद्ध ज्योतिषी श्रीनाथ व्यास के अनुसार 20 और 21, दोनों ही तारीखों में दीपावली मनाने वालों के अपने पक्ष हैं।
20 को दीपावली मनाने के पक्षधर प्रदोष काल व निषित काल को महत्व दे रहे हैं। प्रदोष काल में अमावस्या आने की वजह से वे 20 अक्टूबर को दीपावली मनाने पर जोर दे रहे हैं।
जबकि दूसरा पक्ष स्वाति नक्षत्र व तुला के चंद्रमा पर जोर दे रहा हैं। व्यास का कहना है कि परंपरा के अनुसार उदय तिथि को त्योहार के लिए सही माना जाता है। यह भी शास्त्र सम्मत है। 21 की अमावस्या उदय तिथि है। ऐसे में 21 अक्टूबर को दीपावली मनाई जानी चाहिए।
कुल मिलाकर इस बार दीपावली दो दिन मनाई जाएगी। अब कौनसे दिन मनानी है यह आप पर निर्भर है। आप अपने गुरू द्वारा बताए दिन को दीपावली मना सकते हैं।
बहरहाल, आप दीपावली जिस दिन भी मनाएं। पंडित श्रीनाथ व्यास का यह उपाय आपको मालामाल कर सकता है।श्रीनाथ व्यास के अनुसार दीपावली पर अगर श्री सूक्त का पाठ करते हुए बिल्व पत्र, औडुंबर की लकड़ी, कपिला गाय के घी, कमलगट्टा, खीरान्न, शुद्ध गूगल व स्वर्ण से हवन किया जाए तो मां लक्ष्मी की जबरदस्त कृपा होती है।
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