01 March 2022 06:24 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। युक्रेन में फंसे भारतीय छात्र की मौत की ख़बर ने बीकानेर सहित देशभर की चिंता बढ़ा दी है। छात्र की पहचान कर्नाटक के हावेरी जिला निवासी नवीन एसजी के रूप में हुई है। हादसा खारकीव में हुआ। सूत्रों के मुताबिक नवीन आज सुबह दुकान खुलने पर भोजन सामग्री लाने के लिए बाहर निकला था। इसी दौरान रूसी सैनिकों ने लड़ाकू विमान से गोलियां बरसानी शुरू कर दी। हमले में नवीन की भी मौत हो गई। ई ए मंत्रालय(मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स) के प्रवक्ता अरिंदम बागेची ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से नवीन की मौत की पुष्टि की है। अरिंदम ने कहा है कि विभाग उनके परिजनों के संपर्क में हैं। इस दुखद घड़ी में वे उनके साथ हैं।
बता दें कि बीकानेर निवासी युवक भी युक्रेन में फंसे हैं। बीकानेर निवासी रामदेव सोनी व विवेक सोनी भी युक्रेन के खारकीव में फंसे हैं। वह अपने सहपाठियों के साथ मेट्रो अंडर ब्रिज में शरण लिए हुए हैं। ख़बरमंडी न्यूज़ से बातचीत में विवेक सोनी ने बताया कि हालात बेहद नाजुक हैं। कहीं से भी मुकम्मल मदद नहीं मिल पा रही है। भोजन भी ठीक से नहीं मिल पा रहा है। कभी कभी पूरे दिन ही भूखा रहना पड़ रहा है। बीती रात सिर्फ उबले चावल मिले थे। यह चावल भी कॉल्ड ड्रिंक ग्लास में भरकर दिए जाते हैं। साथ में ना दाल होती है ना सब्जी। दो छात्रों के बीच पूरे दिन में एक ग्लास चावल ही उपलब्ध हो पा रहा है। एजेंट दिल से प्रयास कर रहा है मगर उसकी भी मजबूरियां हैं। आज सुबह जब उन्हें एक दुकान खुलने की सूचना मिली तो वे भी बाहर निकले, मगर इसी बीच फायरिंग की आवाजें सुनाईं दी तो उन्हें लौटना पड़ा। विवेक के अनुसार मृतक नवीन उनके साथ नहीं था। वह अगले मेट्रो अंडर ब्रिज में था।
गाइडलाइन जारी मगर....: बताया जा रहा है कि भारतीय दूतावास ने कीव में फंसे नागरिकों के लिए गाइडलाइन जारी कर कहा है कि जिन्हें बस, ट्रेन व कार में से जो भी साधन मिले, अपने स्थान से निकलें। वहीं खारकीव के लिए अभी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई बताते हैं। खारकीव से बॉर्डर करीब 1600 किलोमीटर दूर है। ट्रेन से यह दूरी तय करने में करीब 20 घंटे का समय लगने की बात कही जा रही है। कीव में फंसे छात्र-छात्राएं भी सहमे हुए हैं। जहां एक दुकान तक जाने में फायरिंग हो रही हो, वहां इतनी लंबी यात्रा बिना किसी सुरक्षा के कैसे तय की जाए। हालांकि अपुष्ट ख़बर यह भी है कि भारत ने 12 घंटे के लिए रूस से हमला ना करने को कहा है। बहरहाल, देश इस वक्त फंसे छात्र-छात्राओं की सलामती की दुआ कर रहा है। दुआ कर रहा है कि वे जल्द अपने अपने घरों को लौट पाए।
उल्लेखनीय है कि युक्रेन में फंसे 95 प्रतिशत छात्र-छात्राएं मेडिकल स्टूडेंट हैं।
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