27 May 2023 10:29 AM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (चैप्टर-2 : नशे के खिलाफ पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) परकोटे के शहर में नशे की जड़ें एक बार फिर से गहरी होने लगी है। शहरी युवाओं की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण बना मेडिकल नशा शहर के अंदर अपना साम्राज्य फैलाने लगा है। तहकीकात में सामने आया है कि बड़ा बाजार क्षेत्र, आचार्य चौक, मोहता चौक, नत्थूसर गेट, जस्सूसर गेट, मदन भवन के आस पास खुल्लमखुल्ला नशा उपलब्ध करवाया जा रहा है। कुछ समय पहले ख़बरमंडी के अभियान के बाद परकोटे के अंदर नशे के अड्डे खत्म हो गए थे। हालांकि नशा करने वालों की तादाद में ज्यादा अंतर नहीं आया। अब फिर से नशा माफियाओं की सक्रियता बढ़ी है। सूत्रों के मुताबिक परकोटे के भीतरी शहर में हालात बहुत ही खराब है। भांग का सेवन कर भक्ति में लीन रहने वाले शहर को मेडिकल नशा लील रहा है। बुजुर्ग चिंतित हैं तो नव युवकों की पत्नियां और बच्चे भी बेहद पीड़ित हैं।
इन युवाओं को पैसे के लालची नशा माफियाओं द्वारा कोडीन सिरप, नशे की गोलियां, गांजा, स्मैक, एमडीएमए(एमडी) सहित विभिन्न नशे सप्लाई किए जा रहे हैं। हालात यह है कि नशे की लागत निकालने के लिए नशेड़ी भी डिलीवरी मैन बन चुके हैं। एक महिला ने बताया कि उसका पति नशे की गोलियां खाता है। वह कभी होश में रहता ही नहीं। वह काम धंधा नहीं कर पाता तो वहीं पत्नी व बच्चों की जिम्मेदारी भी नहीं उठाता। ऐसे में घर से विरक्ति हो चुकी है।
बता दें कि कुछ ऐसे ही हालात परकोटे के भीतर सैकड़ों परिवारों में है। आरोप है कि नयाशहर पुलिस को भी नशे के अड्डों की जानकारी है। कुछ एक ठिकाने कोतवाली में भी लगते हैं। पुलिस के पास पूरा मुखबिर तंत्र है तो वहीं बीट कांस्टेबल से लेकर अन्य पुलिसकर्मी भी फील्ड में सक्रिय रहते हैं। आमजन को जिन ठिकानों का पता है, उन ठिकानों की जानकारी पुलिस को कैसे ना हो? सूत्रों के मुताबिक पुलिस को जानकारी है कि कौन कौनसी चाय की दुकानों पर चाय में नशा मिलाकर दिया जाता है। कौनसी चाय की दुकान पर ज्वाइंट सिगरेट मिलती है। कौनसी दुकानों पर एमडी मिलता है।
हालात गंभीर है, अगर पुलिस ने पूर्ण इच्छाशक्ति के साथ लंबे समय तक नशे के खिलाफ अभियान नहीं चलाया तो आने वाले समय में बीकानेर भी उड़ता पंजाब बन जाएगा। उल्लेखनीय है कि बड़ी मछलियां अधिकतर पुलिस कार्रवाई से बच जाती है। ऐसे में पुलिस को चाहिए कि वह बड़ी मछलियों के लिए जाल बिछाकर नशे के साम्राज्य को तबाह करे। अब देखना यह है कि नशे से बर्बाद हो रहे बीकानेर व बीकानेरी संस्कृति को बचाने के लिए पुलिस कितनी संजीदा होती है।
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