30 March 2020 11:55 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना इमरजेंसी के इस कठिन समय में बीकानेर से लेकर पूरे देशभर तक पीएम व सीएम रिलीफ फंड में लाखों-करोड़ों दिए जा रहे हैं। इसमें बच्चों के गुल्लक से लेकर भामाशाहों के बैंक बैलेंस तक सभी जगह से पैसा जा रहा है। इस बीच सरकारी अफसरों-कर्मचारियों ने भी अपनी निश्चित सैलरी व कहीं कहीं फंड डोनेट किया है। लेकिन आर्थिक सहयोग देने के इस दौर में सबसे अधिक फायदे में सांसद व विधायक रह रहे हैं। यह नेता सांसद व विधायक कोटे से निकालकर लाख से करोड़ तक का फंड कोरोना इमरजेंसी के लिए दे रहे हैं। और रोज़ मीडिया और सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन लॉक-डाउन के इस समय में जैसे जनता को भी सोचने-समझने का मौका मिल गया है। आमजन अब सवाल उठाने लगा है कि विधायक-सांसद जी आप जो यह वाहवाही लूट रहे हो, यह पैसे कौनसे आपके पर्सनल बैंक अकाउंट से निकलें हैं। यह पैसा तो वही है जो आपके क्षेत्र के विकास कार्यों में काम आना था। ऐसे में जनता का पैसा जनता के लिए देने में भी आपकी वाहवाही क्यों ? लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि हर सक्षम नागरिक ने आर्थिक सहयोग किया, लेकिन ज्यादातर विधायकों व सांसदों ने अपनी जेब से अब तक कुछ नहीं निकाला। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस मुश्किल समय में भी देश भामाशाहों पर ही क्यों निर्भर है। करोड़ों-अरबों के मालिक इन प्रतिनिधियों की जेब से पैसा क्यों नहीं निकल रहा है?
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