11 April 2020 11:41 PM

	
				 
				      	 
			     
	
				 
				      	 
			     
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना इमरजेंसी में मंत्री डॉ कल्ला द्वारा छपवाएं गये थैले सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक हर जगह किरकिरी करवा रहे हैं। थोड़ी सी सेवा के बदले नाम की लालसा को देखकर जगह जगह ट्रोल हो रहे कल्ला के बयान भी एक बार फिर चर्चा में हैं। तो वहीं भतीजे अनिल कल्ला भी वाया राजीव यूथ क्लब विवादों के घेरे में हैं, हालांकि अनिल कल्ला ने तो सोशल मीडिया पर यह तक कहते हुए चुटकी भर ली है कि 'जो है नाम वाला, वो ही तो बदनाम है'। इन बेतुके कहे जा रहे बयानों के पीछे कोई सोचा समझा तुक है या कि महज पद की गरिमा के प्रति गैर जिम्मेदारी, यह चिंतनीय है।मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब जो कहा है उसके बाद कल्ला परिवार को समझ जाना चाहिए कि उनके यहां से उठाये कदम सहित दी गई प्रतिक्रिया गैर जिम्मेदाराना है। बता दें कि गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि 'राशन सामग्री भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवाभाव से किया जाए। इसे प्रचार और प्रतिस्पर्द्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए। राज्य सरकार ने वितरण के दौरान किसी भी तरह की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी निषिद्ध कर दी है।"। इस ट्वीट के बाद चर्चा चल पड़ी है, इसे कल्ला के थैले व अनिल कल्ला के विवाद से जोड़ा जाने लगा है। दावा यहां तक किया जा रहा है कि कल्ला का यह प्रकरण गहलोत तक पहुंचा है। जिसके बाद यह ट्वीट जारी किया गया है। शुक्रवार को भी ऐसा ट्वीट जारी हुआ और आज फिर अपडेट के साथ ट्वीट हुआ।

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