17 August 2022 05:08 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की रिपोर्ट) नशे का पंजाब बनने के बिल्कुल करीब पहुंच चुके बीकानेर में नशा तस्करों को रोकना अब पुलिस के लिए मुश्किल होता जा रहा है। स्थाई अड्डों से नशा बेचने वालों से लेकर शहर के चप्पे चप्पे में घूम घूमकर नशा बेचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नशा तस्करों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण डिमांड है। शहर में नशे की ओर प्रवृत्त होने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है। वहीं दूसरा बड़ा कारण नशा खरीदने के लिए पैसे का अभाव भी है। नशाखोरों को रोज खुराक चाहिए होती है, लेकिन पैसे नहीं होते। ऐसे में नशा करने के लिए पहले नशा बेचना पड़ता है।
कमाल की बात यह है कि अधिकतर नशेड़ियों के परिजनों को उन ठिकानों की जानकारी रहती है, जहां से उनके घर का कोई सदस्य नशा खरीदकर लाता है। परेशानियों से जूझ रहे ये परिजन खुलकर सामने नहीं आना चाहते। ये सिर्फ सिस्टम के भरोसे हैं।
हमारी तहकीकात में सामने आया है कि कुछ माह पूर्व ख़बरमंडी न्यूज़ द्वारा चलाए गए अभियान के बाद कुछ नशा तस्करों ने ठिकाने ही बदल लिए थे। कुछ पुलिस के हत्थे चढ़ गए। वहीं नशेड़ियों के अड्डों में भी भय व्याप्त हुआ। लेकिन अब यह फिर से सक्रिय है। नशेड़ियों के परेशान परिजन भी नशे के खिलाफ अभियान चलाते रहने का आग्रह कर रहे हैं, इसी वजह से एक बार फिर नशे के खिलाफ हमने अभियान छेड़ दिया है।
सूत्रों से पता चला है कि सुभाषपुरा, सर्वोदय बस्ती, भुट्टों का बास, पूगल रोड़, जस्सूसर गेट, नत्थूसर गेट, करमीसर रोड़, करमीसर गांव की एंट्री से लेकर मोहता सराय, चौधरी कॉलोनी आदि इलाकों का कनेक्शन नशे के कारोबार से है। सर्वोदय बस्ती के सरकारी स्कूल के पास एक व्यक्ति अपने घर से स्मैक व चिट्टा बेचता है। वहीं सुभाषपुरा लाल क्वार्टर क्षेत्र में स्थित टंकी के पास एक तस्कर नशे की पुड़िया सप्लाई करने आता है। इसी तरह भुट्टों के बास की एक परचून की दुकान के सामने वाली खिड़की में पूछने पर चिट्टा, स्मैक, दारू व गांजा सबकुछ मिल जाता है। इसी तरह संसोलाब से करमीसर रोड़ पर स्थित एक रेहड़ी वाला व एक दुकानदार खुल्लमखुल्ला नशीले पदार्थ बेचने हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां भी अधिकतर नशा मिलता है। वहीं नत्थूसर गेट से मोहतासराय तक भी कई जगह नशा मिलता है। तो चौधरी कॉलोनी के कुछ युवक भी नशे की तस्करी में लिप्त बताए जाते हैं। जस्सूसर गेट पर चाय की चुस्की के बहाने गांजा व डोडा अभी भी परोसा जा रहा है। तो वहीं पूगल रोड़ पर नशे का साम्राज्य अभी भी कायम है।
सूत्रों के मुताबिक पवित्र नाथ जी के धोरे को भी नशेड़ी व उपद्रवी तत्व बख्श नहीं रहे। यहां आसपास नशेड़ी इकट्ठे आते हैं। तो इसके सामने स्थित संसोलाब जैसे पवित्र स्थान के अंदर भी नशाखोरों ने गंदगी मचा रखी है। रात के अंधेरे में यहां भरपूर नशा होता है। अगर नजर पैनी कर देखा जाए तो इधर उधर ओट लिए नशेड़ी माल सहित मिल सकते हैं।
-चालाक है तस्कर, पुलिस से रहते हैं आगे:- बीकानेर में नशे का जहर घोल रहे नशे के सौदागरों की हिम्मत लगातार बढ़ रही है। इनकी हिम्मत के पीछे भी बड़ा राज है। जैक व चेक के दम के अलावा इन तस्करों के पास भय का हथियार भी है। नशे के इस जहर से पूरा शहर परेशान है, मगर किसी के पास हिम्मत नहीं हैं। समाज और पुलिस दोनों मिलकर आगे आए तो नशे की जड़ें हिलाई जा सकती है। हालांकि इसके लिए चिकित्सकों का साथ सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। शुरुआती तौर पर भले ही शौक़ से नशा किया जाता है, लेकिन एक बार जब शरीर इसका आदी हो जाता है, फिर नशा मजबूरी भी बन जाता है।
नशे के खिलाफ अभियान में इसलिए जरूरी है समाज का साथ: शहर के हालात यह स्पष्ट बयां कर रहे हैं कि नशे की वजह से सिर्फ नशेड़ी की जिंदगी ही खराब नहीं हो रही, बल्कि उसका परिवार व समाज भी तबाह हो रहा है। हमारी तहकीकात में सामने आया था कि नशे की गोलियां, गांजा, स्मैक, कोडीन सिरप, एमडीएमए व डोडा जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्ति किसी काम के नहीं रहते। वे ना तो रोजगार कर पाते हैं और ना ही परिवार का संचालन। इसी वजह से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे है इस अभियान में आप सभी का साथ महत्वपूर्ण है।
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