20 May 2021 06:34 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। रेमडेसिवर कालाबाजारी व फर्जी बिलिंग प्रकरण में मित्तल फार्मा के तीन मालिकों की गिरफ्तारी के बाद अब एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। डॉ धनपत डागा की पत्नी डॉ कल्पना डागा ने कोटगेट थाने में मित्तल फार्मा के मालिक कांति मित्तल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। इससे पहले बुधवार को मित्तल फार्मा के विनय मित्तल, मित्तल ड्रग्स के अनुज व प्रदीप मित्तल को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि पहले पांच लोगों को गाड़ी में बिठाया बताते हैं, बाद में कोरोना व उम्र का लिहाज कर दो को छोड़ दिया गया। डॉ कल्पना के अनुसार मित्तल फार्मा ने एसओजी की जांच से खुद को निकालने के लिए उनके पति डॉ धनपत के नाम से फर्जी ऑर्डर बनाकर फर्जी बिल व वाउचर काटे। जबकि डॉ धनपत ने रेमडेसिवर इंजेक्शन ना तो खरीदे और ना ही लगाए। डॉ कल्पना ने बताया है कि उनके पति एनस्थिसिया के डॉक्टर हैं, जो जीवनरक्षा सहित अन्य अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। वे कोविड मरीजों का ऑक्सीजन व वेंटिलेटर संबंधित काम देख रहे थे। आरोपी द्वारा यह फर्जीवाड़ा उनके पति को हानि पहुंचाने तथा स्वयं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया। परिवादिया के अनुसार कांति मित्तल ने 11 मई को अपने आदमी को उनके घर पर फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए भेजा था। उनके पति ने कहा कि उन्होंने रेमडेसिवर ली ही नहीं तो हस्ताक्षर कैसे करें। इसके बाद आरोपी ने फोन पर भी अप्रत्यक्ष तौर पर धमकाया। फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करवाने के लिए उनके पति को बार बार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 465,467,468,471 384,387,389,506,120बी आईपीसी व 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं धारा 17,17ए, 17बी, 27बी (1)27 सी, डी औषधि प्रसाधन अधिनिय और प्रसाधन सामग्री अधिनियम व धारा 51 बी, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं धारा 3 महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
बता दें कि डॉ धनपत डागा जीवनरक्षा सहित अन्य अस्पतालों में भी सेवाएं दे रहे हैं। जीवनरक्षा के डॉ विकास पारीक का नाम भी रेमडेसिवर खरीदने वालों की फेहरिस्त में आया। डॉ धनपत को एस ओ जी ने जांच के लिए सदर बुलाया था, जहां से निकलते ही उन्होंने हाथ की नस काट ली थी। डॉ धनपत का नाम आने के बाद से ही वे परेशान थे। उनका कहना था कि वो बेकसूर हैं फिर भी उन पर आरोप लग रहे हैं। घटना के दूसरे दिन मित्तल फार्मा के मालिक व डॉ धनपत की बातचीत का एक ऑडियो भी सामने आया। ऑडियो में स्पष्ट रूप से मित्तल फार्मा का मालिक डॉक्टर से हस्ताक्षर करवाने की जद्दोजहद करता सुनाई दे रहा है। वहीं डॉक्टर द्वारा कहा जा रहा है कि जब उसने रिकमंड नहीं किया, ऑर्डर नहीं दिया और ना ही इंजेक्शन खरीदा तो हस्ताक्षर कैसे करें।
अब देखना यह है कि एसओजी कितनी गहनता से यह जांच कर पाती है।
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