31 May 2020 05:19 PM

ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। कोरोना काल में क्वॉरन्टाइन सेंटर के तौर पर उपयोग लिए गए होटलों को भुगतान न मिलने का मामला उजागर हो रहा है। बीकानेर के भारत पैलेस, रिद्धी-सिद्धी, मरुधर पैलेस, गणेशम, लक्ष्मी रेजेंसी सहित कुछ होटल हैं, जिनको अधिग्रहीत करने के बाद उपयोग लिया जा रहा है, लेकिन भुगतान न मिलने से इन होटल मालिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जयपुर सहित कई जिलों के कलेक्टरों ने आठ-सौ से बारह सौ रूपए प्रति रूम प्रतिदिन का निर्धारित करते हुए भुगतान किया बताते हैं, लेकिन बीकानेर में अब तक टालमटोल जारी है। होटल मालिकों के अनुसार वे इस मामले में कलेक्टर को गुहार लगा चुके लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहीं इन होटलों को नॉन-एसी रूम के साठ रुपए व एसी-रूम के 260 रूपए से भुगतान कर दिए जाने का केवल आश्वासन दिया गया था। व्यवसायियों का कहना है कि आम दिनों के मुकाबले क्वॉरन्टाइन में उपयोग हो रहे रूम में खर्चा बहुत अधिक आता है। बताया जा रहा है कि क्वॉरन्टाइन किया गया संदिग्ध 24 घंटे रूम में रहता है, ऐसे में लाइट, पंखे, एसी, टीवी सहित चार्जर आदि में बिजली खर्च अधिक बढ़ता है। वहीं साफ-सफाई, कपड़े धुलाई से लेकर अन्य खर्चे होते हैं, स्टाफ का खर्चा भी आता है। व्यवसायियों के अनुसार इस समय बारह सौ से पन्द्रह सौ रूपए तो केवल लागत आएगी। वहीं कई होटलों ने भोजन भी उपलब्ध करवाया, जिसके भुगतान का भी अता-पता नहीं है। एक तरफ कोरोना की मार से 22 मार्च से अब तक आय जीरो हो चुकी है। वहीं पचास तरह के खर्चों का बोझ व्यवसायियों को रौंद रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा होटलों के प्रति ये बेरूखी इनकी तकलीफें बढ़ा रही है, जबकि यह साफ है होटल शुरू होने के बाद भी आगामी दिसंबर तक होटलों के खर्चे ही निकलने मुश्किल होंगे।
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