12 October 2024 01:10 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। (पत्रकार रोशन बाफना की कलम से) आज दशहरा है, जगह जगह रावण जलाया जाएगा। यह पर्व बुराई पर अच्छाई व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त करवाया था, तब से प्रतीकात्मक रूप से रावण जलाकर दशहरा पर्व मनाया जाता है। लेकिन वर्षों से जलाया जा रहा रावण आख़िर जला कहां है? अब वह रावण हमारे समाज में विभिन्न बुराईयों के रुप में अपना साम्राज्य स्थापित कर चुका है। नशा भी ऐसी ही एक सामाजिक बुराई है, जो बीकानेर में अपने विकराल रूप में है यानी नशे का रावण अपने विकराल रूप में बीकानेर को खा रहा है। अब इस नशे रूपी रावण का खात्मा करने के लिए राम फिर अवतार नहीं लेंगे। वह तो दे गए एक सीख, अब यह काम सरकारी तंत्र व समाज को ही करना होगा। समाज को अपनी चेतना जगानी होगी और पुलिस को इस नशे रूपी रावण के खात्मे की लौ। भीतर के राम को जगाना होगा, जैसे ही हमारे भीतर राम चेतन होंगे, वैसे ही नशे का रावण कमजोर होने लगेगा।
यह काम एक मिशन के रूप में करने से होगा। बीकानेर में यह नशे का रावण अनेकों रूपों में फ़ैला हुआ है। स्मैक का रावण, एमडी का रावण, गांजे का रावण, अफीम का रावण, गोलियों का रावण और ना जाने कितने कितने रूपों में यह नशे का रावण बीकानेर का यौवन क्षीण कर रहा है। युवाओं की चेतना छीन रहा है। भविष्य तबाह कर रहा है। और फिर नशे के रावण का साम्राज्य भी छोटा कहां है। बीकानेर के चप्पे चप्पे पर इस रावण की लंका है। कहीं छोटी तो कहीं विशाल, मगर फैलाव हर जगह। विश्नोई बास, भाटों का बास, भुट्टों का चौराहा, बंगला नगर, मुरलीधर का ए ब्लॉक, मुक्ताप्रसाद, पूगल रोड़, तिलक नगर, व्यास कॉलोनी, चौधरी कॉलोनी, गोपेश्वर बस्ती, चौखुंटी सहित कई कई लंका बीकानेर में है।
बीकानेर पुलिस के टाइगर को अपनी सेना में नशे के रावण को जलाने की चेतना भरनी होगी। सबकुछ सामने है, कुछ भी छिपा नहीं है, बस जरूरत है तो भीतर के राम को जगाने की। अब देखना यह है कि इस बार दशहरा कितना सार्थक होता है। रावण दहन के साथ ही बीकानेर पुलिस नशे के रावण के पीछे कितना लग पाती है। यह पुलिस व समाज बिना किसी भेदभाव के नशे का रावण जलाने में लगे तो अगले दशहरे पर रावण जलाना सार्थक हो जाएगा।
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