28 January 2021 03:48 PM
ख़बरमंडी न्यूज़, बीकानेर। पीबीएम के मरीजों से लूटमार करने वाली गैंग के बजाय अब नर्सिंग कर्मचारियों पर एक्शन होगा। पीबीएम अधीक्षक के नये आदेश में कहा गया है कि वार्डों में नर्सिंग इंचार्ज व नर्सिंग कर्मियों के होने के बावजूद बाहरी लैबों के कर्मचारी मरीजों से ब्लड सैंपल ले रहे हैं। ऐसे में अगर कोई बाहरी लैब का कर्मचारी सैंपल लेता पाया गया तो नर्सिंग के वार्ड इंचार्ज व संबंधित नर्सिंग कर्मचारी के खिलाफ राजकीय नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अधीक्षक ने नर्सिंग अधीक्षक को इस हेतु समस्त नर्सिंग को पाबंद करने को कहा है।
वहीं दूसरी ओर नर्सिंग कर्मचारियों में इस आदेश को लेकर असंतोष व्याप्त हो गया है। कहा जा रहा है कि बाहरी लैबों से मिलीभगत में नर्सिंग का कोई रोल ही नहीं होता। वार्ड में सैंपल लेने की जिम्मेदारी सरकारी लैब टैक्नीशियन की होती है, वहीं लैब टैक्नीशियन की अनुपस्थिति में यह सैंपल रेजीडेण्ट डॉक्टर को लेना होता है। दूसरी तरफ लैबों से सैटिंग फिटिंग में एम ओ आई सी अथवा यूनिट के डॉक्टरों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। ऐसे में नर्सिंग को बेवजह बलि का बकरा बनाना अनुचित माना जा रहा है। हाल ही में एफ वार्ड में प्राइवेट लैब के लपके द्वारा सैंपल व पैसे मांगने की घटना उजागर हुई थी। इस पर भी नर्सिंग को बलि का बकरा बनाते हुए उसका वार्ड बदल दिया गया। जबकि भागे हुए लपके के खिलाफ ना कोई पुलिस कंप्लेंट की गई और ना ही लैब व लपके को भगाने वाले का पता लगाया गया। जबकि लपके का वीडियो सामने था।
इसी तरह पिछले माह सर्जरी वार्ड में एक मरीज से पांच दिनों में तीन बार गंगानगर लैब से जांचें करवाई गई। इन तीन बार हुई जांचों में मरीज़ से 7900 रूपए लूट लिए गए। जांच रिपोर्ट में सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर का नाम था। वहीं पीबीएम के नर्सिंग कर्मचारी अर्पित शर्मा की यह लैब बताई जा रही है। अधिकारियों के मामला संज्ञान में होने के बावजूद ना अर्पित शर्मा के खिलाफ एक्शन हुआ और ना डॉक्टर के खिलाफ।
सूत्रों का कहना है कि गरीबों से हो रही इस लूटमार के खिलाफ एक्शन लेने से अधिकारी डरते हैं।
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